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    महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए बढ़ेंगी डिजिटल सुविधाएं, 278 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 09:02 PM (IST)

    उज्जैन के महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए डिजिटल सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। मंदिर प्रबंध समिति ने 278 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है, जिससे कैशलेस पेमेंट और एटीएम जैसी सुविधाएं शुरू होंगी। ऑनलाइन दर्शन, भस्म आरती और अन्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा। 10 से 14 जनवरी तक महाकाल महोत्सव का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

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    श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में सदस्यों से चर्चा करते कलेक्टर रोशन कुमार सिंह।

    डिजिटल डेस्क, इंदौर। मप्र की तीर्थ नगरी उज्जैन में स्थित ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं को मिल रही दर्शन, दान, टिकट की आनलाइन सुविधा को और प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल प्रणाली का विस्तार किया जाएगा। मंदिर में कैशलेस पेमेंट, एटीएम जैसी सुविधाएं भी लाई जाएंगी।

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    गुरुवार को कलेक्टर रौशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में त्रिनेत्र कंट्रोल रूप में आयोजित श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा को और अधिक सुव्यवस्थित व आधुनिक बनाने के लिए 278 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट को मंजूरी दी है।

    ऑनलाइन सुविधाओं का विस्तार

    बता दें कि महाकाल मंदिर में वर्ष 2013 से कंप्यूटराइजेशन की शुरुआत हुई थी। बीते 12 वर्षों में आनलाइन सुविधाओं का निरंतर विस्तार हुआ और मंदिर की वेबसाइट के अलावा श्री महाकालेश्वर एप का भी निर्माण किया गया।

    देश विदेश में रहने वाले भक्तों को घर बैठे भगवान महाकाल के आनलाइन दर्शन तथा मंदिर में होने वाले विभिन्न उत्सवों को देखने की सुविधा मिली। इसके अलावा दर्शनार्थियों को भस्म आरती अनुमति, शीघ्र दर्शन टिकट, भगवान के अभिषेक पूजन आदि की सुविधा भी आनलाइन मिलने लगी है।

    इन सुविधाओं पर भी हो बात

    हालांकि मंदिर समिति अब भी दान काउंटर, लड्डू प्रसाद काउंटर, महाकालेश्वर व हरसिद्धि अतिथि निवास, महाकालेश्वर अन्न क्षेत्र में कैशलेस सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाई है। भस्म आरती, शीघ्र दर्शन आदि सुविधाओं से भी भक्त पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। आए दिन मंदिर प्रबंधन को इसकी शिकायतें मिलती रहती हैं।

    प्रबंध समिति ने नए साल में 10 से 14 जनवरी तक महाकाल महोत्सव आयोजित करने को लेकर भी चर्चा की। इस महोत्सव के दौरान विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही शैव परंपरा से संबंधित मनोरम प्रस्तुतियां और प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी।