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    महाराष्ट्र: लाडकी बहिन योजना की लाभार्थियों में बड़ी गिरावट! सरकार बोली- अयोग्य महिलाओं से वापस नहीं लेंगे स्कीम के पैसे

    Updated: Sun, 09 Feb 2025 04:52 PM (IST)

    जून 2024 में महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने मध्य प्रदेश की लाडली बहन योजना के तर्ज पर लाडकी बहिण योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत 21-65 आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिया गया। पात्रता की शर्तें हैं कि महिला की पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये सालाना से कम हो और घर में चार पहिया वाहन या कोई सदस्य सरकारी नौकरी न करता हो।

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    अयोग्य महिलाओं के खाते में 450 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। (फोटो सोर्स- जागरण ग्राफिक्स)

    पीटीआई, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जून 2024 में महायुति सरकार ने माझी लाडकी बहिण योजना (लाडली बहन योजना) की शुरूआत की थी। ये योजना महायुति गठबंधन की अप्रत्याशित जीत की एक बड़ी वजह भी बनी। हालांकि दिसंबर 2024 में इस योजना के लाभार्थियों की संख्या में कमी दर्ज की गई है।

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    5 लाख महिलाएं अयोग्य

    एक महिला और बाल विकास अधिकारी ने बताया है कि इस योजना के लाभार्थियों की संख्या दिसंबर 2024 में 2.46 करोड़ से घटकर पिछले महीने 2.41 करोड़ हो गई है, क्योंकि कई कारणों से पांच लाख महिलाएं अयोग्य पाई गईं।

    महाराष्ट्र की महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि साल 2024 के जुलाई से दिसंबर के बीच इन महिलाओं के खाते में 450 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। हालांकि सरकार ये रकम वापस लेने की मंशा नहीं रखती है।

    इस योजना के तहत, 21-65 आयु वर्ग की महिलाएं जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है, उन्हें सहायता के तौर पर प्रति माह 1500 रुपये मिलते हैं। पात्रता की अन्य शर्तों में चार पहिया वाहन न होना और परिवार के किसी सदस्य का सरकारी सेवा में न होना शामिल है।

    महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि "जिन्हें अयोग्य घोषित किया गया है, उन्हें आगे के लाभ नहीं मिलेंगे, लेकिन पहले से जमा की गई राशि को वापस लेना उचित नहीं होगा।"

    किन महिलाओं को स्कीम से किया गया बाहर?

    महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ने कहा कि 5 लाख महिलाओं में से जिन्हें अयोग्य माना गया, 1.5 लाख 65 वर्ष से अधिक उम्र की पाई गईं, जबकि 1.6 लाख या तो चार पहिया वाहन रखती थीं या नमो शेतकारी योजना जैसी अन्य सरकारी योजनाओं की लाभार्थी थीं। लगभग 2.3 लाख महिलाएं संजय गांधी निराधार योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रही थीं, जिससे वे लड़की बहन योजना के लिए अयोग्य हो गईं।

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