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    नागपुर फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज, घटनास्थल पर जांच में जुटी टीम

    By AgencyEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Mon, 18 Dec 2023 01:51 PM (IST)

    एक अधिकारी ने कहा कि शवों का पता लगाने के लिए पुलिस ने दुर्घटनास्थल के ऊपर ड्रोन का इस्तेमाल किया। साथ ही सबूत इकट्ठा करने के लिए फोरेंसिक टीम के साथ बम का पता लगाने और निपटान दस्ते को तैनात किया। राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी जबकि कंपनी की ओर से 20-20 लाख रुपये दिए जाएंगे।

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    नागपुर फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में पुलिस ने लिया एक्शन (फोटो सोर्स: एएनआई)

    पीटीआई, नागपुर। महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक विस्फोटक निर्माण फैक्ट्री में विस्फोट के संबंध में पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि इस हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई।

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    अधिकारी ने बताया कि खोजी टीमों ने चकदोह इलाके में सोलर इंडस्ट्रीज फैक्ट्री में विस्फोट स्थल से मानव शरीर के कई अंग बरामद किए हैं। रविवार को फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

    मृतकों को शरीर के हुए टुकड़े

    कोंढाली पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, "विस्फोट की तीव्रता के कारण पीड़ितों के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए और इमारत ढह गई।" उन्होंने कहा कि खोजी टीमों ने अब तक घटनास्थल से शरीर के 52 अंग बरामद किए हैं।

    जब कर्मचारी ट्रिनिट्रोटोल्यूइन (टीएनटी) रसायन के उत्पादन और पैकेजिंग में लगे हुए थे, तो उसी दौरान यह हादसा हो गया। दरअसल, जिस सामान की पैकिंग का जै रही थी, उसका इस्तेमाल सैन्य अनुप्रयोगों में व्यापक रूप से किया जाता है। अधिकारी ने कहा, "वे टीएनटी को कोयला खदान में विस्फोट के लिए बने बूस्टर में भरने के बाद पैक कर रहे थे।"

    कई धाराओं के तहत मामला दर्ज

    कोंढाली पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक पंकज वाघोड़े की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (ए) (लापरवाही से मौत का कारण) और 286 (विस्फोटक पदार्थ के संबंध में लापरवाही पूर्ण आचरण) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी ने कहा, "जांच के दौरान आरोपी व्यक्तियों की पहचान की जाएगी।"

    विस्फोट के बाद सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे की शिफ्ट में काम करने वाले नौ कर्मचारियों के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए। उन्होंने बताया कि एक मंजिल भी ढह गई और शरीर के अंग मलबे में फंस गए। यह ब्लास्ट इतना तेज था कि इसकी आवाज घटनास्थल से कुछ किलोमीटर दूर स्थानीय लोगों ने भी सुना।

    गुस्साए रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों ने किया विरोध  

    घटना के बाद, गुस्साए स्थानीय लोगों और श्रमिकों के रिश्तेदारों ने परिसर तक पहुंच की मांग करते हुए विस्फोटक निर्माण इकाई की साइट के साथ चलने वाले अमरावती-नागपुर राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था, ताकि वे अपने प्रियजनों के शव देख सकें। बाद में पुलिस ने परिजनों और स्थानीय लोगों को समझाने की कोशिश की और भीड़ तितर-बितर हो गई।

    घटनास्थल पर जारी है जांच

    एक अधिकारी ने कहा कि शवों का पता लगाने के लिए, पुलिस ने दुर्घटनास्थल के ऊपर ड्रोन का इस्तेमाल किया। साथ ही, सबूत इकट्ठा करने के लिए फोरेंसिक टीम के साथ बम का पता लगाने और निपटान दस्ते को तैनात किया। पुलिस ने कहा कि फैक्ट्री पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) के अधिकार क्षेत्र में आती है और इसके अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं।

    मृतकों के परिजनों को मिलेगी मुआवजा राशि

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रविवार रात घटनास्थल पर पहुंचे और मृतकों के परिजनों से बात की। उन्होंने नगर निगम, पुलिस और कंपनी के अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी विस्फोट स्थल का दौरा किया और मृतकों के रिश्तेदारों से बात की।

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    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी, जबकि कंपनी की ओर से 20-20 लाख रुपये दिए जाएंगे। डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी रविवार को घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

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