Share Market Crash Today: शेयर बाजार में बड़ी गिरावट; सेंसेक्स 75000 के नीचे आया, निफ्टी भी धड़ाम
Share Market Crash Today शेयर बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। BSE Sensex 856.65 अंक गिरकर 74454.41 पर और NSE Nifty 242.55 अंक टूटकर 22553.35 पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली अमेरिकी बाजारों की कमजोरी और US Tariffs को लेकर चिंताओं से बाजार प्रभावित रहा। IT Sector Smallcap और Midcap में भी गिरावट आई।

पीटीआई, मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन गिरावट दिखी। सोमवार को शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 1 प्रतिशत से अधिक गिरकर 75,000 के स्तर से नीचे आ गया। यह गिरावट अमेरिकी बाजारों में कमजोरी और विदेशी निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली के चलते आई। इसमें अमेरिकी टैरिफ को लेकर बढ़ती चिंताओं ने भी भूमिका निभाई।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 856.65 अंकों या 1.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74,454.41 पर बंद हुआ। दिन के दौरान, सेंसेक्स 923.62 अंकों या 1.22 प्रतिशत तक गिरकर 74,387.44 तक पहुंच गया था। एनएसई निफ्टी भी 242.55 अंकों या 1.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,553.35 पर बंद हुआ।
पिछले पांच ट्रेडिंग सत्रों में बीएसई सेंसेक्स में कुल 1,542.45 अंकों या 2 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी 406.15 अंकों या 1.76 प्रतिशत टूटा है। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 1.31 प्रतिशत गिरा, जबकि मिडकैप इंडेक्स में 0.78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
सेंसेक्स के प्रमुख लूजर और गेनर
सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक, जोमैटो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, भारती एयरटेल, टाटा स्टील और एनटीपीसी सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में शामिल रहे। वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति, नेस्ले और आईटीसी में बढ़त दर्ज की गई।
FII ने 3,449 करोड़ की बिकवाली की
शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 3,449.15 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। इस महीने अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 23,710 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है, जिससे 2025 में कुल विदेशी निकासी 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। वैश्विक व्यापारिक तनाव इस बिकवाली का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
बाजार विशेषज्ञों की राय
स्टॉक्सबॉक्स के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक और चार्टर्ड मार्केट टेक्नीशियन, अमेय रनाडिवे ने कहा, "डी-स्ट्रीट (भारतीय शेयर बाजार) में भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे बाजार आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। खासतौर पर आईटी सेक्टर के शेयरों में भारी गिरावट आई। इसका प्रमुख कारण अमेरिका में उपभोक्ता विश्वास (कंज्यूमर कॉन्फिडेंस) में गिरावट की खबरें हैं, जिससे वहां की आर्थिक वृद्धि पर अनिश्चितता बढ़ गई है।"
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड, विनोद नायर ने कहा, "वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियां घरेलू बाजार पर असर डाल रही हैं, जिससे अस्थिरता बनी हुई है। खुदरा निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता कम होती है, जिससे वे सतर्क बने हुए हैं। अमेरिकी उपभोक्ता धारणा (कंज्यूमर सेंटिमेंट) में कमजोरी और टैरिफ को लेकर चिंताओं के चलते आईटी जैसे एक्सपोर्ट-बेस्ड सेक्टरों पर और दबाव बन सकता है।"
अन्य बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में सियोल, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई, जबकि टोक्यो का बाजार अवकाश के कारण बंद था। यूरोपीय बाजारों में अधिकतर सूचकांक सकारात्मक रुख में कारोबार कर रहे थे, जबकि अमेरिकी बाजार शुक्रवार को भारी गिरावट के साथ बंद हुए थे।
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