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    समझदार झारखंड ...झारखंड के स्कूलों में घटा ड्राप आउट, प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को स्कूल छोड़ने की दर शून्य

    झारखंड के स्कूलों में बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर घटी है। दर में यह कमी सभी स्तर पर हुई है। प्राथमिक स्कूलों में तो यह दूर शून्य हो गई है। वहीं उच्च प्राथमिक स्कूलों में यह दर नौ प्रतिशत से घटकर 1.70 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह माध्यमिक स्कूलों में यह दर 15.16 प्रतिशत से घटकर 3.50 हो गई है।

    By Neeraj Ambastha Edited By: Kanchan Singh Updated: Fri, 29 Aug 2025 12:38 AM (IST)
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    झारखंड के स्कूलों में घटा ड्राप आउट, बढ़ी नामांकन दर।

    राज्य ब्यूरो, रांची । झारखंड के स्कूलों में बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर घटी है। दर में यह कमी सभी स्तर पर हुई है। प्राथमिक स्कूलों में तो यह दूर शून्य हो गई है।

    वहीं, उच्च प्राथमिक स्कूलों में यह दर नौ प्रतिशत से घटकर 1.70 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह, माध्यमिक स्कूलों में यह दर 15.16 प्रतिशत से घटकर 3.50 हो गई है।

    केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी यूडायस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फारमेशन सिस्टम) प्लस-2024-25 की रिपोर्ट में झारखंड के स्कूलों में ड्राप आउट की दर में भारी कमी आने का तथ्य सामने आया है।

    यह रिपोर्ट सरकारी, सहायता प्राप्त तथा गैर सरकारी स्कूलों यानी तीनों श्रेणी के स्कूलों के संदर्भ में है।यूडायस प्लस-2023-24 की रिपोर्ट की तुलना में 2024-25 में झारखंड के स्कूलों में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) भी बढ़ा है।

    यह वृद्धि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में हुई है। वहीं, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में सकल नामांकन अनुपात में न तो वृद्धि हुई है और न ही उसमें कमी आई है।

    प्राथमिक में यह अनुपात 93 तथा उच्च प्राथमिक में पूर्व की तरह 83 है। वहीं, माध्यमिक में नामांकन अनुपात 62 से बढ़कर 73 प्रतिशत हो गया है।

    वहीं, उच्च प्राथमिक में यह अनुपात 41 प्रतिशत से बढ़कर 49 प्रतिशत हो गया है। झारखंड में शून्य नामांकन वाले स्कूलों की संख्या तो घटी है, लेकिन यह समस्या अब भी बनी है।

    यहां अब भी 107 स्कूल ऐसे हैं जहां शून्य नामांकन है तथा वहां 31 शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं, सिंगल टीचर वाले स्कूलों की संख्या थोड़ी बढ़ी है। ऐसे स्कूलों में अब भी 4,36,480 बच्चे पढ़ रहे हैं।

    नामांकन बढ़ा, शिक्षकों की संख्या भी

    रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में स्कूलों की संख्या में आंशिक कमी आई है, लेकिन नामांकन बढ़ा है। वहीं, शिक्षकों की संख्या भी बढ़ी है। इससे छात्र शिक्षक अनुपात में भी सुधार हुआ है। हालांकि अभी भी झारखंड में प्रति स्कूल पांच शिक्षक कार्यरत हैं। झारखंड में प्रति स्कूल औसत नामांकन भी बढ़ा है।

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    ऐसे हुआ सुधार

    • इंडीकेटर                                            2023-24               2024-25
    • स्कूलों की संख्या                                  44,475                 44,376
    • कुल नामांकन                                      71,43,255            74,36,931
    • कुल शिक्षक                                         2,06,591              2,09,203
    • छात्र शिक्षक अनुपात                              35                         36
    • प्रति विद्यालय औसत नामांकन                  161                       168
    • शून्य नामांकन वाले स्कूल                          199                      107
    • शून्य नामांकन वाले स्कूलों में कार्यरत शिक्षक  398                      31
    • सिंगल टीचर वाले स्कूल       8,353 9,172
    • सिंगल टीचर वाले स्कूलों में नामांकित बच्चे 4,10,199 4,36,480

    कितने स्कूलों में उपलब्ध सुविधाएं (2024-25)

    • लाइब्रेरी/बुक बैंक/रीडिंग कार्नर 42,010
    • खेल का मैदान 32,469
    • डिजिटल लाइब्रेरी 917
    • किचन गार्डन 12,283
    • बालिकाओं के लिए शौचालय (क्रियाशील) 42,324
    • बिजली (क्रियाशील) 41,115
    • सोलर पैनल 6,388
    • कंप्यूटर 33,718
    • इंटरनेट 25,715
    • पेयजल (क्रियाशील) 43,857