CBSE ने आंसर शीट को लेकर लिया बड़ा फैसला, शैक्षणिक सत्र 2025-26 से नया नियम लागू
सीबीएसई ने फैसला लिया है कि बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं अब सिर्फ एक साल तक रखी जाएंगी। यह नियम 2025-26 के सत्र से लागू होगा। हर साल बड़ी संख्या में कॉपियां बर्बाद होती हैं जिससे लगभग तीन करोड़ का खर्च आता है। इस कदम से खर्च कम होगा परीक्षा प्रक्रिया सुरक्षित होगी और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।
रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं को बस एक वर्ष तक रखने का निर्णय लिया है। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक अब किसी भी वार्षिक परीक्षा की बची हुई उत्तर पुस्तिकाएं सिर्फ एक वर्ष तक ही रखी जाएंगी और निर्धारित अवधि पूरी होने पर उन्हें नष्ट कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2025-26 की बोर्ड परीक्षाओं से लागू होगी।
सीबीएसई की गवर्निंग बाडी ने यह निर्णय उस स्थिति को देखते हुए लिया है, जिसमें बड़ी संख्या में अप्रयुक्त उत्तर पुस्तिकाएं हर वर्ष बर्बाद होती हैं। बोर्ड के अनुसार, केवल पिछले वर्ष ही उत्तर पुस्तिकाओं की प्रिंटिंग, भंडारण और परिवहन पर लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
इस खर्च में उन कॉपियों की लागत भी शामिल है, जो इस्तेमाल नहीं हो सकीं। इन अप्रयुक्त कापियों को अगले वर्ष दोबारा उपयोग में लाने के लिए पन्ने बदलने, री-बाइंडिंग और लाजिस्टिक व्यवस्था पर और अधिक खर्च करना पड़ता है, साथ ही इनके गुम होने का भी खतरा बना रहता है।
बोर्ड के मुताबिक हर उत्तर पुस्तिका पर एक यूनिक नंबर अंकित होगा, जिसे स्कैनिंग के जरिए दर्ज किया जाएगा। यह नंबर फ्लाइंग स्लिप के साथ भी दर्ज होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक ही कापी दोबारा इस्तेमाल न हो।
परीक्षा केंद्रों पर उपलब्ध कराई जाने वाली कापियों की सटीक आडिट की जाएगी, जिससे अतिरिक्त कापियां बचकर न रहें और गड़बड़ियों की संभावना खत्म हो। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि खाली या अप्रयुक्त कापियों को नष्ट करने से पहले कैंसिलेशन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इसके बाद इनका दोबारा उपयोग सरकारी स्कूलों में लेखन सामग्री या स्टेशनरी के रूप में किया जा सकेगा। इससे आर्थिक बोझ कम होगा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सकारात्मक योगदान मिलेगा।
सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम न केवल खर्चों में कमी लाने में सहायक होगा, बल्कि परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और व्यवस्थित बनाएगा। अब परीक्षा केंद्रों पर उपलब्ध हर कापी का रिकॉर्ड होगा और भविष्य में गुमशुदगी या दुरुपयोग की आशंका लगभग समाप्त हो जाएगी।
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