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    क्या होता है राष्ट्रपति शासन? लागू होने पर राज्य में क्या होते हैं बदलाव, पढ़ें डिटेल

    Updated: Thu, 20 Feb 2025 04:14 PM (IST)

    भारत देश की आजादी के बाद अब तक कुल 134 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। मणिपुर और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 11 11 बार प्रेसिडेंट रूल लागू हो चुका है। अगर आप राष्ट्रपति शासन क्यों और किन स्थितियों लगाया जाता है और इस रूल के आने के बाद राज्य में क्या बदलाव होते हैं इसकी पूरी जानकारी इस पेज से प्राप्त कर सकते हैं।

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    What is Presidents rule, यहां से पाएं डिटेल।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। हमारे देश का राज्य मणिपुर जिसमें 11वीं बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद गृह मंत्रालय ने इस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राय के अनुसार मणिपुर की राज्य सरकार संविधान का पालन नहीं कर रही थी, इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्य में President Rule लगाया गया है।

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    क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रपति शासन किन स्थितियों में लगाया जाता है? प्रेसिडेंट रूल आने के बाद राज्य की बागडोर कौन संभालता है और राज्य में क्या बदलाव आते हैं, अगर नहीं तो यह पेज आपके लिए उपयोगी है। आप इस आर्टिकल से राष्ट्रपति शासन के बारे में पूरी डिटेल हासिल कर सकते हैं।

    प्रश्न: किन स्थितियों में में लागू होता है राष्ट्रपति शासन?

    उत्तर: राष्ट्रपति शासन को लेकर हमारे संविधान में 3 तरह की आपातकालीन स्थितियों का प्रावधान है।

    • अनुच्छेद 352 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपातकाल युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह में लगाया जाता है।
    • अनुच्छेद 356- राष्ट्रपति शासन जब राज्य सरकार संविधान के अनुसार काम नहीं करतीं। इसी को देखते हुए हाल ही में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
    • अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकाल आर्थिक संकट की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

    प्रश्न: राष्ट्रपति शासन के बाद राज्य को चलाने की किसे मिलती है जिम्मेदारी?

    उत्तर: अनुच्छेद 356 लागू होने के चलते जब राष्ट्रपति लगाया जाता है तो राज्य की कार्यकारी शक्ति केंद्र सरकार को को चली जाती हैं और वही राज्य के कार्यों की देखरेख करता है। इसके अलावा विधानसभा को भंग कर दिया जाता है और उसका सीधा नियंत्रण संसद के पास चला जाता है।

    प्रश्न: क्या मौलिक अधिकारों पर भी पड़ता है प्रभाव?

    उत्तर: आपको बता दें कि राष्ट्रपति शासन लागू होने पर आम लोगों के मौलिक अधिकारों में किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं किया जाता है और वे पहले की तरह ही स्वतंत्र रहते हैं। हालांकि, राष्ट्रीय आपातकाल लागू होने पर अनुच्छेद 19 (स्वतंत्रता का अधिकार) निलंबित किया जा सकता है है।

    प्रश्न: कौन बनता है राष्ट्रपति शासन के बाद राज्य का मुखिया?

    उत्तर: राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल राज्य का मुखिया बन जाता है। राज्य के सभी कार्य राज्यपाल की देखरेख में चले जाते हैं।

    प्रश्न: अधिकतम कितने दिनों के लिए रह सकता है राष्ट्रपति शासन?

    उत्तर: किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन को 6 महीने के लिए लगाया जाता है। इस 6 महीने के भीतर ही चुनाव आयोग को राज्य में मतदान करवाकर दोबारा सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। हालांकि जब देश में राष्ट्रीय आपातकाल लागू हो तो इसे बढ़ाया जा सकता है। राष्ट्रपति शासन विशेष स्थितियों में 3 वर्ष तक बढ़ सकता है। लेकिन इसके लिए चुनाव आयोग यह प्रमाणित करना होता है कि वर्तमान स्थिति में राज्य में चुनाव करवाना संभव नहीं है।

    अब तक देश में 134 बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन

    आपको बता दें कि देश की आजादी के बाद से अब तक देश के विभिन्न राज्यों में कुल 134 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। पहले बार राष्ट्रपति शासन सन 1951 में पंजाब में लागू किया गया था। मणिपुर और यूपी में सबसे ज्यादा 11 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है।

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