सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी मामले में साजिश की होगी जांच, कोर्ट ने SIT के दायरे का किया विस्तार
केरल हाई कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी मामले में एसआइटी जांच का दायरा बढ़ाते हुए जांचकर्ताओं को साजिश और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया है।जस्टिस राजा विजयराघवन और जस्टिस केवी जयकुमार की पीठ ने मंगलवार को वकीलों की अनुपस्थिति में बंद कमरे में हुई कार्यवाही के दौरान यह आदेश दिया।

सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी मामले में साजिश की होगी जांच (फाइल फोटो)
पीटीआई, कोच्चि। केरल हाई कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी मामले में एसआइटी जांच का दायरा बढ़ाते हुए जांचकर्ताओं को साजिश और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस राजा विजयराघवन और जस्टिस केवी जयकुमार की पीठ ने मंगलवार को वकीलों की अनुपस्थिति में बंद कमरे में हुई कार्यवाही के दौरान यह आदेश दिया।
एसआइटी ने सीलबंद लिफाफे में अपनी पहली रिपोर्ट पेश की। अक्टूबर की शुरुआत में अदालत द्वारा गठित एसआइटी को दो मामलों की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी।
केरल हाई कोर्ट ने एसआइटी के दायरे का किया विस्तार
पहला मामला सबरीमला मंदिर के गर्भगृह के सामने द्वारपालकों (संरक्षक देवता) की मूर्तियों पर चढ़ी सोने की परत वाली तांबे की चादरों के वजन में कमी से जुड़ा हुआ है। दूसरा मामला मंदिर के श्रीकोविल (गर्भगृह) के दरवाजे के फ्रेम से सोना गायब होने से संबंधित है।
अदालत ने कहा कि द्वारपालक मूर्तियों के रखरखाव और उन पर सोने की परत चढ़ाने में गंभीर अनियमितताएं पाई गई थीं। एसआइटी रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय दंड संहिता की धारा 403, 406, 409, 466 और 467 के तहत आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी सहित अपराधों के लिए दो मामले दर्ज किए गए हैं।
टीडीबी के अधिकारियों की भूमिका की जांच का निर्देश
आदेश में कहा गया है कि स्पष्ट निर्देश के बावजूद कि मंदिर के मूल्यवान सामानों की मरम्मत का काम सन्निधानम (मंदिर परिसर) के भीतर ही किया जाना चाहिए, अधिकारियों ने इस नियम की ''अवहेलना'' की और पवित्र वस्तुओं को उनिकृष्णन पोट्टी को सौंप दिया, जिसका ''संदिग्ध इतिहास'' था।
सोने की परत के क्षतिग्रस्त होने खुला मामला
अदालत ने 2024 और 2025 के पत्रों और निरीक्षण रिपोर्टों का भी हवाला दिया, जिनसे पता चलता है कि सोने की परत के क्षतिग्रस्त होने और गायब होने का पता पहले भी चला था, लेकिन उस पर पारदर्शी कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय, उसी प्रायोजक को फिर से यह काम सौंप दिया गया।
अदालत ने कहा कि देवस्वओम आयुक्त ने 30 जुलाई, 2025 को शुरू में कहा था कि ''स्मार्ट क्रिएशंस, चेन्नई'' के पास सोने की परत चढ़ाने के काम के लिए तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव है और यह काम पारंपरिक तरीकों से किया जाना चाहिए।
हालांकि, उन्होंने एक सप्ताह के भीतर ही अपना रुख बदल दिया। न्यायाधीशों ने न्यायालय रजिस्ट्री को निरंतर निगरानी की सुविधा के लिए स्वत: संज्ञान लेकर रिट याचिका दर्ज करने का आदेश दिया। अगली सुनवाई पांच नवंबर को होगी।
मंत्री और बोर्ड को इस्तीफा दे : वेणुगोपाल
आइएएनएस के अनुसार कांग्रेस महासचिव केसी. वेणुगोपाल ने मंगलवार को देवस्वओम मंत्री वीएन. वासवन और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड के सदस्यों के तत्काल इस्तीफे की मांग की। वेणुगोपाल ने कहा कि अदालत की टिप्पणियों से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि वर्तमान देवस्वोम बोर्ड ने सबरीमाला मंदिर में 2019 में हुई सोने की चोरी को जानबूझकर छिपाया था।
राष्ट्रपति से मिला भाजपा प्रतिनिधिमंडल, सबरीमाला मामले से कराया अवगत
केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की और उन्हें सबरीमाला मंदिर में कथित स्वर्ण चोरी सहित विभिन्न मुद्दों पर जनता की ¨चताओं से अवगत कराया। यह बैठक मंगलवार रात राजभवन में हुई।
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