मतदाता सूची में मतदाता की कोई भी जानकारी ठीक करने के लिए आधार कार्ड जरूरी : चुनाव आयोग
चुनाव आयोग के अनुसार, मतदाता सूची में सुधार या बदलाव के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, आधार कार्ड को एसआईआर दस्तावेजों में शामिल किया गया है, जिससे ई-साइन द्वारा गणना प्रपत्र ऑनलाइन भरा जा सकता है। मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया 9 दिसंबर से शुरू होगी और 31 जनवरी तक चलेगी, जिसमें नाम हटाने और नए नाम जोड़ने का कार्य शामिल है।

चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को बताया जरूरी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदाता सूची में बदलाव या सुधार से संबंधी मतदाता की कोई भी जानकारी ठीक करने के लिए आधार कार्ड जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग ने एसआईआर के लिए मान्य दस्तावेजों की सूची में आधार कार्ड को भी जोड़ दिया है। इसके चलते, आधार कार्ड से ई-साइन करके गणना प्रपत्र आनलाइन भरा जा रहा है।
मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया कब होगी शुरू?
मतदाता सूची में बदलाव या सुधार की प्रक्रिया नौ दिसंबर से शुरू होगी। प्रपत्र बांटने, जमा करने और आयोग के पोर्टल पर अपलोड करने का काम चार दिसंबर से शुरू होगा। नौ दिसंबर के बाद मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ सूची में संशोधन का दौर शुरू होगा।
इस चरण में उन वोटरों के नाम हटाने का काम शुरू होगा जो मर चुके हैं, अयोग्य हैं, विस्थापन कर चुके हैं और दूसरे राज्यों के वोटर बन गए हैं या एक से ज्यादा जगहों पर हैं। वहीं, अगर नाम से संबंधी या कोई और जानकारी ठीक करवानी है तो मतदाता फार्म नंबर आठ भरकर ऐसा कर सकते हैं।
आधार कार्ड को किया जा रहा है जरूरी
इसके साथ ही फॉर्म नंबर छह भरकर नए मतदाताओं के नाम सूची में जोड़ने का काम भी चलता रहेगा। यह 31 जनवरी तक चलेगा। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, इन कामों के लिए आधार कार्ड को जरूरी किया जा रहा है।

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