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    एसआईआर की घोषणा के बाद बंगाल में घुसपैठियों में दहशत, भाग रहे बांग्लादेश

    By INDRAJIT SINGHEdited By: Abhishek Pratap Singh
    Updated: Sun, 02 Nov 2025 07:48 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों में दहशत फैल गई है। सीमावर्ती इलाकों से बड़ी संख्या में लोग बांग्लादेश भाग रहे हैं। बीएसएफ ने पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों घुसपैठियों को पकड़ा है। लोगों को डर है कि एसआईआर लागू होने पर उन्हें वापस बांग्लादेश भेजा जा सकता है, जिसके चलते कई लोग बैंकों से पैसे निकाल रहे हैं। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

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    बंगाल में एसआईआर को लेकर घुसपैठियों में खौफ। (फाइल फोटो)

    इंद्रजीत सिंह, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों, रोहिंग्यायों में दहशत का माहौल है। सूत्रों के मुताबिक राज्य के सीमावर्ती इलाकों से बड़ी संख्या में घुसपैठिए बांग्लादेश भाग रहे हैं।

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    सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सूत्रों के मुताबिक बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र से पिछले चार दिनों में बांग्लादेश भागने की फिराक में करीब 400 घुसपैठिए धराए हैं। वहीं तीन महीने में आठ हजार से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया है।

    भारत छोड़कर भाग रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये

    दरअसल एसआईआर की घोषणा के कुछ माह पहले से ही बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से बांग्लादेशियों का बांग्लादेश भागने का सिलसिला शुरू हो गया है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को यह डर सता रहा है कि अगर एसआईआर लागू हुआ, तो उन्हें बांग्लादेश भेजा जा सकता है।

    सूत्रों के मुताबिक एसआईआर की घोषणा के बाद घरों में काम करने वाली अनेक महिलाएं बांग्लादेश चली गई हैं। सीमावर्ती जिलों उत्तर 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद, मालदा के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में घरों में काम करने वाली महिलाएं बांग्लादेश भाग गई हैं। कई महिलाओं ने स्वीकार किया कि वे बांग्लादेश लौट रही हैं और बाद में वापस आएंगी।

    बैंकों से पैसे निकाल रहे हैं लोग

    बीरभूम जिले के इलमबाजार के कई लोगों ने बैंकों से अपनी सारी जमा राशि निकालनी शुरू कर दी है। इन्हें डर है कि अगर एसआईआर लागू हुआ, तो उनके बैंक खाते बंद हो सकते हैं। कई लोगों को यह डर सता रहा है कि अगर उनका नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, तो उन्हें बांग्लादेश भेजा जा सकता है।

    वहीं एसआईआर के कथित डर से बीरभूम व उत्तर 24 परगना जिले में दो लोग कर आत्महत्या चुके हैं। कूचबिहार में एक व्यक्ति ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। बद्र्धमान के जमालपुर के एक प्रवासी मजदूर की तमिलनाडु में एसआईआर के कथित डर से बीमार पड़ने के बाद मौत हो गई।

    अमित मालवीय बोले-भाग रहा है ममता बनर्जी का वोटबैंक

    भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया है कि जो लोग बांग्लादेश भाग रहे हैं, दरअसल वे ममता बनर्जी के वोटबैंक हैं। तृणमूल ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों को पनाह और यहां तक कि राजनीतिक संरक्षण भी दिया।

    वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने कार्बोलिक एसिड डाल दिया है, इसलिए सांप की तरह बिल से निकल कर घुसपैठिए वापस बांग्लादेश भाग रहे हैं। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने दावा किया कि एसआईआर बंगाल में एनआरसी लागू करने के लिए भाजपा और केंद्र सरकार की एक चाल है।

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