इन राज्यों के कई विधेयक राज्यपाल के पास लंबित, SC के फैसले से बिलों के पास होने की जगी उम्मीद
शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार के एक केस में लंबित बिलों पर तीन माह में फैसला लेने की व्यवस्था दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास लंबित कई राज्यों के विधेयकों के पास होने की उम्मीद बढ़ गई है। माना जा रहा है कि कई राज्य ऐसे हैं जहां पर लंबे समय से लंबित पड़े विधेयक अब पास हो सकते हैं।

टीम जागरण, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास लंबित कई राज्यों के विधेयकों के पास होने की उम्मीद बढ़ गई है। तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के एक केस में यह व्यवस्था दी थी कि विधानसभा की ओर से पारित बिलों पर तीन माह के अंदर फैसला लिया जाए।
यह व्यवस्था अन्य राज्यों के संदर्भ में भी है। ऐसे में कई राज्य हैं जहां लंबे समय से लंबित पड़े विधेयक अब पास हो सकते हैं। पंजाब, बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की विधानसभा के द्वारा पारित किए गए काफी बिल अभी राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास लंबित हैं।
पंजाब में कई बिल राज्यपाल के पास लंबित
पंजाब की भगवंत मान सरकार राज्यपाल की ओर से बिलों को लंबित रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा पहले भी खटखटा चुकी है। पंजाब की बात करें तो यहां आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब यूनिवर्सिटीज लाज (अमेंडमेंट) बिल, 2023 पेश किया था, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया।
इसके अलावा दो और बिल सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 और पंजाब पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2023 थे। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में उम्रकैद की सजा का प्रविधान करने संबंधी भी था। इससे संबंधी दो बिल थे जिसे पहले वर्ष 2016 में पारित किया गया। वर्ष 2018 में तत्कालीन कैप्टन सरकार ने 2016 वाले बिलों को वापस ले लिया और केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार बनाकर भिजवा दिया लेकिन यह बिल अब तक मंजूर नहीं हो सका है।
इसी तरह पंजाब और हरियाणा के बीच वर्षों से विवाद बनी हुई पंजाब सतलुज यमुना लिंक नहर बनाने को लेकर जुड़े विवाद पर पंजाब सरकार ने 2016 में पंजाब सतलुज यमुना लिंक कैनाल लैंड (ट्रांसफर आफ प्रापराइटरी राइट्स) बिल 2016 राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा था, जो पास होकर नहीं आया। द ट्रांसफर आफ प्रापर्टी (पंजाब संशोधन) अक्टूबर 2023 में पारित करके राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया ,लेकिन वह भी अभी तक अटका है।
किन राज्यों में कितने विधेयक राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास लंबित?
- बंगाल- ममता सरकार और विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने हाल में दावा किया था कि 2016 से 2025 तक बंगाल विधानसभा से पारित विधेयकों में से 23 विधेयक मंजूरी के लिए राजभवन में अटके पड़े हैं। इस पर राजभवन का कहना है कि जिन 23 विधेयकों के अटके होने का दावा किया जा रहा है उनमें से पांच को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। वहीं, इन 23 में से वर्ष 2024 और 2025 में राष्ट्रपति के विचार के लिए कुल 11 विधेयक भेजे जा चुके हैं।
- राजस्थान- राजस्थान विधानसभा में पारित मॉब लिंचिंग सहित छह विधेयक राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने लौटा दिए हैं। इनमें पांच विधेयक गहलोत और एक बिल वसुंधरा राजे के कार्यकाल में पारित हुआ था।
- दिल्ली- दिल्ली में भाजपा सरकार ने अभी कोई विधेयक पास नहीं किया है और आप सरकार के समय के सभी विधेयक खारिज हो चुके हैं।
- छत्तीसगढ़- फिलहाल विभिन्न सरकारों के कार्यकाल में पारित हुए कुल 11 विधेयक लंबित हैं। इनमें नौ विधेयक राजभवन और दो राष्ट्रपति भवन में विचाराधीन हैं।
- झारखंड- वर्ष 2022 में झारखंड विधानसभा में पारित किए गए दो विधेयक राष्ट्रपति के पास लंबित हैं।
- उत्तराखंड- 11 विधेयक राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजे गए हैं। हालांकि इन विधेयकों को इस वर्ष 18 से 22 फरवरी तक आयोजित हुए विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पास किया गया था।
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