बिहार में AIMIM के दो नॉन मुस्लिम उम्मीदवार, वोट कटवा या करेंगे खेला, क्या है ओवैसी की नई रणनीति?
बिहार में आगामी चुनावों के लिए AIMIM ने 25 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है, जिसमें 23 मुस्लिम और 2 गैर-मुस्लिम उम्मीदवार शामिल हैं। ओवैसी की पार्टी का लक्ष्य इस बार सीमांचल से बाहर उत्तर और दक्षिण बिहार में चुनाव लड़कर अपनी छवि को गैर-अल्पसंख्यक केंद्रित पार्टी के रूप में स्थापित करना है। पार्टी कमजोर और उपेक्षित लोगों को न्याय दिलाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

AIMIM सुप्रीम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें पास आ रहीं हैं बिहार में सियासी पारा चढ़ने लगा है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने आगामी चुनावों के लिए 25 उम्मीदवारों कि अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 23 मुस्लिम उम्मीदवारों के साथ दो गैर-मुस्लिम उम्मीदवार भी मैदान में उतारे गये हैं।
ये बात अलग है कि AIMIM को मुख्य रूप से मुस्लिम-केंद्रित पार्टी माना जाता है, लेकिन इसने पहले तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में पार्टी ने दलित, ओबीसी और हिंदू उम्मीदवारों को उम्मीदवार उतारे थे, और अब ये चेन बिहार चुनाव में भी जारी है।
वो गैर मुस्लिम उम्मीदवार जिसे पार्टी ने दिया टिकट
एआईएमआईएम के दो गैर-मुस्लिम उम्मीदवारों में ढाका से राणा रणजीत सिंह और सिकंदरा से मनोज कुमार दास हैं। आइये तीन बिन्दुओं में समझने की कोशिश करते हैं आखिर क्यों ओवैसी ने उतारे नॉन-मुस्लिम उम्मदीवार? बिहार में महागठबंधन से नाराजगी के बाद ओवैसी की पार्टी ने 100 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का वादा किया है। पिछले चुनाव में AIMIM ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन वो पांच सीट जीतने में कामयाब हो पाई, हालांकि उसके चार विधायक बाद में राष्ट्रिय जनता दल (RJD) में शामिल हो गये थे।
सीमांचल से बाहर वोट बटोरने की कोशिश
2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM को मिली पांचों सीटें सिमांचल से आई थी। इस बार पार्टी का लक्ष्य उत्तर और दक्षिण बिहार के इलाकों में चुनाव लड़कर खुद को एक गैर-अल्पसंख्यक-केंद्रित' पार्टी के रूप में आगे लेकर जाना है।
सभी के लिए न्याय पर ध्यान केंद्रित
ओवैसी की पार्टी AIMIM बिहार चुनाव में इस बात पर जोर दे रही है कि उनका लक्ष्य सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व के बजाय कमजोर और उपेक्षित लोगों को न्याय दिलाने पर केंद्रित है।
पार्टी की छवि सुधरने की कोशिश
AIMIM राजपूत नेता रणजीत सिंह को उम्मीदवार बनाकर पार्टी पर लगते आ रहे सांप्रदायिकता के आरोपों को नरम करना चाहती है। साथ ही अपनी पुरानी छवि को लेकर संशयग्रस्त उदारवादी हिंदू वोटरों को आकर्षित करना चाहती है। बता दें रणजीत सिंह वहीं नेता हैं जिन्होंने हाल ही में हुई एक रैली में ओवैसी को "तिरंगा पगड़ी" भेंट की थी।
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