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    इंजीनियर ने Amazon से ऑर्डर किया 1.86 लाख रुपये का मोबाइल, बॉक्स खोलकर देखा तो उड़ गए होश

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 11:32 AM (IST)

    बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अमेजन से 1.86 लाख रुपये का सैमसंग गैलेक्सी Z फोल्ड 7 ऑर्डर किया, लेकिन डिलीवरी में फोन की जगह टाइल का टुकड़ा मिला। पीड़ित ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    इंजीनियर ने Amazon से ऑर्डर किया 1.86 लाख रुपये का मोबाइल (स्क्रीनग्रैब- 'X')

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को ऑनलाइन मोबाइल खरीदना महंगा पड़ गया। इंजीनियर का दावा है कि उसने अमेजन से 1.86 लाख रुपये का Samsung Galaxy Z Fold 7 फोन ऑर्डर किया। इसके लिए उसने पूरा पेमेंट भी किया।

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    ऑर्डर रिसीव होने के बाद डैसे ही फोन का डिब्बा खोला तो उसमें मोबाइल की जगह टाइल का टुकड़ा निकला। इसके बाद युवक ने तुंरत नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर शिकायत दर्ज करवाई और इसके बाद कुमारस्वामी लेआउट पुलिस स्टेशन में औपचारिक एफआईआर दर्ज करवाई।

    क्या बोली पुलिस?

    इस पूरे मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने दावा किया है कि उसे 1.86 लाख रुपये में ऑनलाइन ऑर्डर करने के बाद डिलीवर हुए सैमसंग गैलेक्सी Z फोल्ड 7 स्मार्टफोन के बॉक्स में टाइल का एक टुकड़ा मिला। फोन ऑर्डर करने वाले येलाचेनहल्ली निवासी प्रेमानंद ने घटना के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

    फोन की जगह टाइल का टुकड़ा

    शिकायत के अनुसार, प्रेमानंद ने 14 अक्टूबर को एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से फोन ऑर्डर किया और अपने क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन भुगतान किया। पैकेज 19 अक्टूबर को शाम करीब 4.16 बजे डिलीवर हुआ। उन्होंने पार्सल खोलते समय एक वीडियो रिकॉर्ड किया और यह देखकर हैरान रह गए कि अंदर हाई-एंड स्मार्टफोन की जगह केवल सफेद टाइल का एक चौकोर टुकड़ा था।

    पुलिस ने दर्ज किया मामला

    प्रेमानंद ने पहले राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) में शिकायत दर्ज कराई और बाद में स्थानीय पुलिस से संपर्क किया, जिसने भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और 319 (छद्मवेश धारण करके धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी (कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग करके छद्मवेश धारण करके धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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