'दोषियों को ऐसी सजा देंगे कि दुनिया देखेगी....', देश के दुश्मनों को अमित शाह की चेतावनी
गृह मंत्री अमित शाह ने लाल किला बम धमाके के दोषियों को कड़ी सजा देने की चेतावनी दी है, ताकि भविष्य में कोई ऐसा हमला करने की न सोचे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को दुनिया ने माना है। अल फलाह यूनिवर्सिटी की फंडिंग की जांच ईडी को सौंपी गई है।

अमित शाह। (पीटीआई)
नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। लाल किला बम धमाके की जांच के सिलसिले में दो दिन तक लगातार बैठक के बाद गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश के दुश्मनों को कड़ी चेतावनी दी है। शाह ने कहा कि इस कार विस्फोट के जिम्मेदार सभी लोगों को कठोर सजा दिलाने का प्रधानमंत्री का संकल्प जरूर पूरा किया जाएगा।
देश के दुश्मनों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए शाह ने कहा कि ''दिल्ली कार विस्फोट के दोषियों को मिलने वाली सजा दुनिया को ये संदेश देगी कि भविष्य में कोई हमारे देश में फिर से ऐसा हमला करने के बारे में सोच भी न सके।''
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में मोतीभाई आर. चौधरी सागर सैनिक स्कूल और सागर ऑर्गेनिक प्लांट का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया- शाह
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 साल में आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। यही नहीं, इस लड़ाई का नेतृत्व करने में प्रधानमंत्री मोदी विश्व में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भी यह कायरतापूर्ण काम किया है और जो लोग इसके पीछे हैं, उन सभी को कानून के सामने खड़ा कर सख्त से सख्त सजा देने के लिए भारत सरकार और गृह मंत्रालय पूरी तरह से कटिबद्ध हैं।
ध्यान देने की बात है कि कार विस्फोट के बाद से ही अमित शाह सुरक्षा व जांच एजेंसियों के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं। बुधवार को शाह के नेतृत्व में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद पूरे मामले की जांच एनआइए को सौंप दिया गया। इसके बाद एनआइए, एनएसजी और एफएसएल के अधिकारियों के साथ बैठकर शाह ने जांच के तेजी से पूरा करने और सभी दोषियों को सजा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी निर्देश दिये।
अल फलाह यूनिवर्सिटी का होगा फारेंसिंक ऑडिट
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अल फलाह यूनिवर्सिटी के रूप में कश्मीरी आतंकियों के बड़े अड्डे के रूप में सामने आने को अमित शाह ने गंभीरता से लिया है। यूनिवर्सिटी की स्थापना, उसकी फंडिंग और प्रमोटरों के आर्थिक क्रियाकलापों को लेकर उठ रहे सवालों को देखते हुए शाह ने गुरूवार को ईडी के निदेशक राहुल नवीन के साथ बैठक की।
बैठक में अल फलाह यूनिवर्सिटी का फारेंसिक जांच कराने का फैसला किया गया और इसकी जिम्मेदारी ईडी को सौंपी गई।
आर्थिक अपराध जुड़े सीरियस फ्राउड इंवेस्टीगेशन ऑफिस (एसएफआइओ) जैसी एजेंसियां उसकी मदद करेंगी। सूत्रों के अनुसार अल फलाह यूनिवर्सिटी के फारेंसिक ऑडिट के दौरान उसके पाई-पाई के हिसाब की जांच की जाएगी। जिसमें यूनिवर्सिटी की मान्यता मिलने से पहले 1997 अल फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना, 2014 में यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता मिलने और मेडिकल व अन्य कोर्स शुरू होने सभी की जांच की जाएगी।
इसके साथ ही यूनिवर्सिटी चलाने वाली अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की आमदनी और खर्चे का हिसाब देखा जाएगा। अल फलाह यूनिवर्सिटी को बड़ी मात्रा में खाड़ी देशों को फंड मिलने के आरोप भी लग रहे हैं। ईडी इनके स्त्रोतों के साथ-साथ ईडी कार विस्फोट करने वाले आतंकी मॉड्यूल की फंडिंग की भी जांच करेगी।

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