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    क्या 46 लाख के 236 स्मार्टफोन बने 20 लोगों की मौत की वजह? कुरनूल बस अग्निकांड में अहम खुलासा

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 02:00 PM (IST)

    आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बस में आग लगने से 20 लोगों की मौत हो गई। जांच में पता चला कि बस में रखे 234 स्मार्टफोन की बैटरियों के फटने से आग लगी। इसके अलावा, बस के एसी सिस्टम की बैटरियां भी फटीं। ईंधन रिसाव और बस के निर्माण में संरचनात्मक दोषों ने भी आग को बढ़ाया। यह स्मार्टफोन 46 लाख रुपये के थे और बेंगलुरु भेजे जा रहे थे।

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    आंध्र प्रदेश बस हादस में बड़ी लापरवाही आई सामने (फोटो- PTI)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के कुरनूल में शुक्रवार सुबह बस में आग लगने से 20 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। घटना के बाद से मामले की जांच जारी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि कावेरी ट्रैवल्स की बस ने कई परिवहन नियमों की खुली धज्जियां उड़ाईं। जिसके कारण यह भयावह आग लग गई।

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    दरअसल, आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बस अग्निकांड की जांच जारी है। हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही बस में आग लगने के पीछे की बड़ी वजह सामने आई है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह जिस बस में हादसा हुआ, उसमें 234 स्मार्टफोन रखे हुए थे। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इन फोनों की बैटरियों के फटने से बस में भीषण आग लग गई, जिससे यात्रियों की मौत हो गई।

    हैदराबाद से बेंगलुरू जा रहे थे स्मार्टफोन

    एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्टफोन की खेप की कीमत 46 लाख रुपये थी। इन स्मार्टफोन को हैदराबाद के एक व्यापारी मंगनाथ पार्सल के जरिए भेज रहे थे। यह खेप बेंगलुरु स्थित ई-कॉमर्स कंपनी के लिए भेजी गई थी। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही वो ब्लॉस्ट हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फोन में आग लगने के साथ ही बैटरियों के फटने की आवाज भी सुनाई दी।

    AC की भी फटी बैटरियां

    आंध्र प्रदेश अग्निशमन सेवा विभाग के महानिदेशक पी. वेंकटरमन ने बताया कि स्मार्टफोन में विस्फोट के अलावा, बस के एयर कंडीशनिंग सिस्टम में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिक बैटरियां भी फट गईं।
    ईंधन रिसाव के कारण आग लगी

    ईंधन रिसाव के कारण लगी आग

    पी. वेंकटरमन ने आगे बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि शुरुआती आग ईंधन रिसाव के कारण बस के अगले हिस्से में लगी थी। एक बाइक बस के नीचे फंस गई, जिससे पेट्रोल के छींटे, गर्मी या चिंगारी के साथ मिलकर आग में बदल गए, जिसने देखते ही देखते पूरी गाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया।

    महानिदेशक पी. वेंकटरमन ने ने बस के निर्माण में संरचनात्मक दोष बताया। उन्होंने बताया लोहे के स्थान पर हल्के एल्यूमीनियम का उपयोग, जो कि आमतौर पर वाहन का वजन कम करने और गति बढ़ाने के लिए किया जाता है। जिसका उपयोग किया गया था। जो आपातकाल के दौरान हानिकारक साबित हुआ, जिससे दुर्घटना की गंभीरता और बढ़ गई। गर्मी इतनी अधिक थी कि बस के फर्श पर लगी एल्युमीनियम शीटें पिघल गईं।

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