भारत-चीन के बीच सैन्य तनाव का पत्रकारों के वीजा पर असर, MEA बागची बोले- दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी
भारत ने आरोप लगाया है कि चीन में काम करने वाले भारतीय पत्रकारों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस मुद्दे को उठाते हुए विदेश मंत्रालय ने चीनी सरकार से आग्रह किया कि वह भारतीय पत्रकारों को वहां बेहतर माहौल में काम करने की सहूलियत दे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने आरोप लगाया है कि चीन में काम करने वाले भारतीय पत्रकारों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें आने जाने या स्थानीय नागरिकों को काम पर नियुक्त करने में अड़चनें आती हैं। इस मुद्दे को उठाते हुए विदेश मंत्रालय ने चीन की सरकार से आग्रह किया है कि वह भारतीय पत्रकारों को वहां बेहतर माहौल में काम करने की सहूलियत दे।
क्या है मामला?
भारत की तरफ से इस मुद्दे को तब उठाया है जब कुछ हफ्ते पहले ही चीन ने वहां काम करने वाले दो भारतीय पत्रकारों को वीजा देने से मना कर दिया है। चीन का कहना है कि भारत सरकार उसके पत्रकारों को भारत में काम करने का वीजा नहीं दे रही है लिहाजा उसे भी इस तरह का कदम उठाना पड़ा है।
इस बारे में सवाल पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत में चीन समेत कई देशों के विदेशी पत्रकारों सामान्य तरीके से अपना कामकाज व रिपोर्टिंग कर रहे हैं। उन्हें मीडिया संबंधी काम करने में कोई रूकावट नहीं है।
चीन में भारतीय पत्रकारों की स्थिति पर क्या बोले बागची?
उन्होंने आगे कहा कि दूसरी तरफ चीन में भारतीय पत्रकारों को कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें स्थानीय नागरिकों को रिपोर्ट रखने की छूट नहीं है। जबकि भारत में दूसरे देशों के मीडिया को यहां रिपोर्ट या दूसरी नियुक्तियों की पूरी छूट है। भारत सरकार इसमें पूरी मदद करती है। हालांकि, यह भी तथ्य है कि विदेशी पत्रकारों को भी सामान्य मीडिया कार्यों के अलावा दूसरा कोई कार्य नहीं करना चाहिए।
भारत और चीन के बीच अटका हुआ है वीजा मामला
अंत में उन्होंने उम्मीद जताई है कि चीन की सरकार भारतीय पत्रकारों को वहां सामान्य तौर पर काम करने की सुविधा देगी। इस बारे में दोनो पक्षों के बीच बातचीत जारी है। दरअसल, भारत और चीन के बीच वीजा का मामला अटका हुआ है। दोनो देशों की तरफ से एक दूसरे के नागरिकों को वीजा देने में कई तरह की बाधाएं अटकाई जा रही हैं। माना जाता है कि इसकी एक वजह सीमा विवाद भी है।
चीन के साथ विवाद नहीं हुआ सामान्य
मालूम हो कि मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद से जो विवाद उत्पन्न हुआ ता अभी तक वह सामान्य नहीं हो पाया है। दोनो देशों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। दो दिन पहले भी दोनो देशों के विदेश मंत्रालयों की अगुवाई में कूटनीतिक वार्ता हुई है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
चीन में पढ़ाई करने वाले छात्रों पर भी पड़ा है असर
वीजा नहीं होने से दोनो देशों के बीच कारोबारियों को और छात्रों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चीन में पढ़ाई करने वाले हजारों छात्रों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है। चीन ने दो महीने पहले भारत के दो प्रमुख समाचार प्रतिष्ठानों के पत्रकारों का वीजा जारी करने से इनकार कर दिया था।
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