17 साल बाद जेल से रिहा हुआ अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली, पढ़ें पूरी क्राइम कुंडली
गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली 17 साल बाद जेल से रिहा हो गया है। उसे 2007 के एक हत्या के मामले में सजा हुई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उसे जमानत दे दी। शिवसेना के कॉर्पोरेटर कमलाकर जमसांडेकर की हत्या के आरोप में उसे दोषी पाया गया था। अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। गैंगस्टर से राजनेता बने अरुण गवली 17 साल बाद सलाखों से रिहा हो गया है। अरुण 2007 के एक मर्डर केस में जेल की सजा काट रहा था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत दे दी, जिसके बाद आज वो जेल से बाहर आ गया है।
76 वर्षीय अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली पर शिवसेना के कॉर्पोरेटर कमलाकर जमसांडेकर की हत्या का आरोप था। अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। गवली पिछले 17 सालों से जेल में था और उनकी अपील अदालत में पेंडिंग है।
परिवार और समर्थकों ने किया स्वागत
नागपुर सेंट्रल जेल के अधिकारी के अनुसार, जेल में सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद गवली को दोपहर लगभग 12:30 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। गवली के परिवार समेत कई समर्थकों ने उसका भव्य स्वागत किया।
सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
अरुण गवली को ट्रायल कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 9 दिसंबर 2019 को गवली ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसपर सुनाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने गवली की जमानत पर मुहर लगा दी।
2012 में मिली थी सजा
अरुण गवली 2004 से 2009 तक महाराष्ट्र की चिंचपोकली विधानसभा से विधायक था। 2012 में महाराष्ट्र की ट्रायल कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 17 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया था।
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