बिग बैंग सिद्धांत को चुनौती देने वाले खगोल विज्ञानी जयंत नार्लीकर को 'विज्ञान रत्न पुरस्कार', लिस्ट में और कौन-कौन?
मशहूर खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नार्लीकर को मरणोपरांत 'विज्ञान रत्न पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। उन्होंने बिग बैंग सिद्धांत को चुनौती दी थी। सरकार ने 2025 के लिए विज्ञान श्री पुरस्कारों और विज्ञान युवा पुरस्कार विजेताओं की भी घोषणा की है। सीएसआइआर अरोमा मिशन टीम को विज्ञान टीम पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान है।

प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नार्लीकर। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नार्लीकर को शनिवार को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार 'विज्ञान रत्न पुरस्कार' के लिए चुना गया। नार्लीकर ने बिग बैंग सिद्धांत को चुनौती दी थी, जिसके अनुसार ब्रह्मांड एक ही क्षण में बना था।
उन्होंने ब्रिटिश खगोलशास्त्री फ्रेड हायल के साथ मिलकर यह प्रतिपादित किया था कि ब्रह्मांड हमेशा से अस्तित्व में रहा है और अनंत काल तक नए पदार्थों का निरंतर निर्माण होता रहा है। उनका जन्म 19 जुलाई 1938 को कोल्हापुर में हुआ था। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी। इस वर्ष 20 मई को 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
सरकार ने 2025 के लिए की पुरस्कारों की घोषणा
सरकार ने 2025 के लिए आठ विज्ञान श्री पुरस्कारों की भी घोषणा की। इनमें ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह (कृषि विज्ञान), यूसुफ मोहम्मद शेख (परमाणु ऊर्जा), के थंगराज (जैविक विज्ञान), प्रदीप थलप्पिल (रसायन विज्ञान), अनिरुद्ध भालचंद्र पंडित (इंजीनियरिंग विज्ञान), एस वेंकट मोहन (पर्यावरण विज्ञान), महान एमजे (गणित और कंप्यूटर विज्ञान) और जयन एन (अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी) शामिल हैं।
इन युवा वैज्ञानिकों को भी मिलेगा पुरस्कार
इसके अलावा, 14 विज्ञान युवा पुरस्कार विजेताओं की भी घोषणा की गई। इनमें जगदीस गुप्ता कपुगंती (कृषि विज्ञान), सतेंद्र कुमार मंगरौठिया (कृषि विज्ञान), देबारका सेनगुप्ता (जैविक विज्ञान), दीपा अगाशे (जैविक विज्ञान), दिब्येंदु दास (रसायन विज्ञान), वलीउर रहमान (पृथ्वी विज्ञान), अर्कप्रवा बसु (इंजीनियरिंग विज्ञान), सब्यसाची मुखर्जी (गणित और कंप्यूटर विज्ञान), श्वेता प्रेम अग्रवाल (गणित और कंप्यूटर), सुरेश कुमार (चिकित्सा), अमित कुमार अग्रवाल (भौतिकी), सुरहुद श्रीकांत मोरे (भौतिकी), अंकुर गर्ग (अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी) और मोहनशंकर शिवप्रकाशम (प्रौद्योगिकी और नवाचार) शामिल हैं।
वहीं, सीएसआइआर अरोमा मिशन टीम को विज्ञान टीम पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2023 में शुरू किया गया था। इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान माना जाता है।
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