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    बंगाल में 100 करोड़ के भ्रष्टाचार मामले में हाई कोर्ट ने CAG से मांगी रिपोर्ट, दूसरों खातों में चली गई बाढ़ पीड़ितों के मुआवजे की रकम

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल में 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में सीएजी से रिपोर्ट तलब की है। यह मामला बाढ़ पीड़ितों के मुआवजे की राशि में हेराफेरी से संबंधित है, जिसमें आरोप है कि मुआवजा पीड़ितों के बजाय अन्य खातों में चला गया। उच्च न्यायालय ने सीएजी को गहन जांच करने और अदालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है, ताकि दोषियों को न्याय मिल सके।

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    कलकत्ता हाई कोर्ट। (फाइल)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने उत्तर बंगाल के मालदा में बाढ़ पीड़ितों के मुआवजे में 100 करोड़ के कथित भ्रष्टाचार के मामले में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से रिपोर्ट मांगी है। बाढ़ के मुआवजे में भ्रष्टाचार के आरोप जिला प्रशासन पर लगे हैं। आरोप है कि वास्तविक पीड़ितों को मुआवजा नहीं दिया गया। मुआवजे की रकम दूसरे लोगों के बैंक खातों में चली गई।

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    कलकत्ता हाई कोर्ट जानना चाहता है कि सीएजी जांच के बावजूद रिपोर्ट क्यों प्रकाशित नहीं कर रहा है। याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि करीब 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में पूरे जिले के कम से कम 80 पंचायत प्रधान और सरकारी अधिकारी शामिल हैं। वादी के वकील ने कहा कि सीएजी की दूसरी जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज और जानकारी है। उस रिपोर्ट को प्रकाशित किया जाना चाहिए।

    सीएजी ने कहा कि रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की जा सकती। वकील ने आरोप लगाया कि सीएजी, राज्य से मिलीभगत करके रिपोर्ट को प्रकाशित करने को तैयार नहीं है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजय पाल और न्यायमूर्ति पार्थसारथी सेन की खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि सीएजी को अगली सुनवाई पर अदालत को बताना होगा कि रिपोर्ट प्रकाशित क्यों नहीं की जा सकती। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को है।

    मालूम हो कि 2017 में मालदा के कई इलाकों में बाढ़ आई थी। राज्य का दावा है कि लगभग 14,000 पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है। स्थानीय पंचायतों पर मुआवजे के नाम पर पैसे की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया था। भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। न्यायालय ने सीएजी को मामले की जांच करने का आदेश दिया था। सीएजी ने अपनी पहली रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के संकेत दिए थे।