BF.7 अनियंत्रित होने पर हो सकता है खतरनाक, बूस्टर ही है बचाव
जेएनयू के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफेसर के मुताबिक BF.7 वेरिएंट बहुत घातक तो नहीं पर ये बहुत संक्रामक है। अगर इसका संक्रमण बहुत अधिक फैला तो वायरस म्यूटेट कर जाएगा। नया बनने वाला वायरस कितना घातक होगा ये कोई नहीं जानता।
नई दिल्ली, विवेक तिवारी । कोविड के नए वेरिएंट BF.7 को लेकर भारत सहित पूरी दुनिया में चिंता है। भारत में भी बीते तीन दिनों में विदेश से आने वाले कुछ लोगों में ये वायरस मिला है। लोगों में इस वायरस को लेकर कई सवाल हैं। मसलन, क्या अभी तक लगाई गई वैक्सीन इस पर प्रभावी होंगी, क्या नई वैक्सीन लगवानी पड़ेगी, क्या ये डेल्टा वेरिएंट जितना घातक है, जिन लोगों को कोविड हो चुका है उनके लिए अधिक खतरा तो नहीं, ये सभी सवाल जागरण प्राइम ने देश के जाने माने विशेषज्ञों - कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉक्टर एनके अरोड़ा, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह, एम्स गोरखपुर के डॉक्टर हीरालाल भल्ला, दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन नरेंद्र सैनी, पद्मश्री डॉक्टर एम वली, लखनऊ स्थित केजीएमयू के डॉक्टर सुमित रूंगटा और जेएनयू के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफेसर रूपेश चतुर्वेदी से पूछे। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को फिलहाल घबराने की नहीं, सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने हिदायत दी कि कोविड से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन जरूर करें। प्रोफेसर रूपेश चतुर्वेदी ने बताया कि BF.7 वेरिएंट बहुत घातक तो नहीं पर ये बहुत संक्रामक है। अगर इसका संक्रमण बहुत अधिक फैला तो वायरस म्यूटेट कर जाएगा। नया बनने वाला वायरस कितना घातक होगा, ये कोई नहीं जानता। आइए जानते हैं कोविड के नए वेरिएंट के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं-
01. ओमिक्रोन के कितने वेरिएंट हैं?
डब्लूएचओ के मुताबिक ओमिक्रोन के कुल 540 म्यूटेशन हो चुके हैं। लेकिन इसमें से सिर्फ 5 की ही सतत निगरानी की जा रही है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट का संक्रमण फैला हुआ है। लेकिन सबसे ज्यादा संक्रामक ओमिक्रोन के वंश वाले वेरिएंट माने जा रहे हैं। BA.5 का ही एक उपवंश BF.7 है। भारत में भी इसके कई मामलों की पुष्टि हो चुकी है। BF.7 वायरस ऊपरी श्वसन तंत्र को अधिक प्रभावित करता है।
02. BF.7 वेरिएंट कितना घातक है?
03.BF.7 वायरस का संग्रमण पहले से वैक्सीनेटेड लोगों पर होगा ?
भारत की 97 प्रतिशत आबादी को पहली खुराक दी जा चुकी है, इनमें से 90 फीसदी ने दूसरी खुराक भी ले ली है। हालांकि 27 फीसदी ने ही बूस्टर डोज ली है। ऐसे में सभी को जल्द से जल्द बूस्टर डोज लेनी चाहिए। यूके स्थित ZOE हेल्थ स्टडी में पाया गया है कि जिन लोगों में को वैक्सीन लग चुकी है उनमें गले में खराश, नाक बहना, बंद नाक, लगातार खांसी और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। लेकिन मरीज की स्थिति गंभीर नहीं होती है।
04. भारत में नए वेरिएंट का खतरा कितना है?
05.ओमिक्रोन का सब वेरिएंट BF.7 अलग कैसे है?
रिपोट्स के मुताबिक BF.7 से संक्रमित व्यक्ति 10 से 18 और लोगों में संक्रमण फैला सकता है। वहीं ओमिक्रोन के मूल वेरिएंट जिसने जनवरी 2022 में भारत में काफी लोगों को संक्रमित किया था उस वायरस से संक्रमित व्यक्ति औसतन 5 लोगों को ही संक्रमण फैलाता है।
06. क्या है BF.7 वेरिएंट ?
07. BF.7 वेरिएंट को लेकर चिंता क्यों है?
BF.7 ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। कोविड का ओमिक्रॉन वायरस सबसे अधिक संक्रामक माना गया है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति एक बार में 10 से 18 व्यक्तियों में संक्रमण फैला सकता है। इसलिए इस वायरस को खतरनाक माना जा रहा है।
08. क्या कोविड को लेकर कोई गाइडलाइन जारी की गई है?
09. क्या इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए कोई गाइडलाइंस है?
नई गाइडलाइंस के मुताबिक सभी ट्रेवलर्स पूरी तरह वैक्सीनेटेड होने चाहिए। उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। किसी यात्री में कोविड के लक्षण पाए जाने पर उसे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेट किया जाएगा। फ्लाइट से उतरने के बाद भी उसे आइसोलेट किया जाएगा और ट्रीटमेंट दिया जाएगा। सभी पैसेंजर्स की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। सरकार ने इंटरनेशल फ्लाइट्स के 2%पैसेंजर्स की रैंडम सैंपलिंग करने की बात कही है।
10. किन पैसेंजर्स की सैंपलिंग होगी?
ये कोई निश्चित नहीं है। इन पैसेंजर्स का सिलेक्शन एयरलाइंस करेंगी, जो अलग-अलग देशों के होंगे। सैंपल देने के बाद ही ये एयरपोर्ट से जा सकेंगे। यदि कोई सैंपल पॉजिटिव निकला तो उसे जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब में भेजा जाएगा। ऐसे पैसेंजर्स का प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा और उन्हें आइसोलेट किया जाएगा।
11. क्या इंटरनेशनल फ्लाइट से आ रहे बच्चों की भी सैंपलिंग होगी?
12 साल तक के बच्चों को रेंडम सैंपलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि, यात्रा के दौरान या उसके बाद लक्षण मिलने पर उनका स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा।
12. Covid के नए वेरिएंट BF.7 के लक्षण क्या हैं?
13. कैसे पता चलेगा की कोविड के कौन से वेरिएंट से संक्रमण हुआ है?
ये पता करना बड़ी कठिन प्रक्रिया है। भारत सरकार भी ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण पाए जा रहे हैं उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग करा रही है। उसके बाद ही वेरिएंट का पता चल रहा है।
14. प्रेगनेंट महिलाएं बूस्टर डोज लगा सकती हैं या नहीं?
प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बूस्टर डोज लगाने में कोई दिक्कत नहीं है। दरअसल कोविड की वैक्सीन में मरा हुआ वायरस होता है। ऐसे में ये किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है।
15. क्या लीवर या किडनी की किसी बीमारी में कोविड वैक्सीन लगवा सकते हैं ?
आपको लिवर या किडनी की कोई बीमारी है तो आप अपने डॉक्टर की सलाह से कोविड वैक्सीन लगवा सकते हैं।
16. क्या दिल के मरीज कोविड वैक्सीन ले सकते हैं ?
पद्मश्री डॉक्टर एम वली कहते हैं कि अगर आपको दिल की कोई बीमारी है और आपकी शुगर कंट्रोल में है तो आप बूस्टर डोज ले सकते हैं। अगर शुगर कंट्रोल नहीं है तो शुगर कंट्रोल होने तक वैक्सीन न लें।
17. BF.7 वायरस से बचने के लिए किस तरह के मास्क पहनने चाहिए?
सार्वजनिक जगहों पर जाने के पहले आपको मास्क पहनना ही चाहिए। आप कपड़ों की दो लेयर से बना मास्क भी पहन सकते हैं। आप सर्जिकल मास्क भी लगाते हैं तो आप कोविड के संक्रमण से बच सकते हैं।
18. नेजल वैक्सीन क्या है?
नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine) नाक से दी जाने वाली वैक्सीन है। इसमें आपको इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है, बस वैक्सीन आपकी नाक में दो बूंद डाल दी जाती है। इस वैक्सीन को सरकार की एक्सपर्ट कमेटी ने मंजूरी दे दी है।
19. नेजल वैक्सीन कहां मिलेगी?
नेजल वैक्सीन को Co-Win पोर्टल में शामिल कर दिया जाएगा। यहां जा कर आप इस वैक्सीन की उपलब्धता की जानकारी ले सकेंगे। भारत बायोटेक की इस नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया है। ये तीन फेज के ट्रायल में असरदार साबित हुई है।
20. नेजल वैक्सीन का क्या फायदा है?
सामान्य तौर पर कोरोना वायरस आपकी नाक के जरिए ही शरीर में प्रवेश करता है। नाक के जरिए वैक्सीन दिए जाने पर नाक में मौजूद सेल्स की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी। वहीं ये अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में कोरोना के खिलाफ आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करेगी।
21. नेजल वैक्सीन कैसे काम करती है?
यह वैक्सीन आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। आपके ब्लड में और आपकी नाक में प्रोटीन बनाने में मदद करती है ताकि आप आसानी से वायरस से लड़ सकें। इसका असर आपकी बॉडी में लगभग दो हफ्ते बाद शुरू होता है।
22. नेजल वैक्सीन कौन लगवा सकता है ?
नेजल वैक्सीन सिर्फ बूस्टर डोज के तौर पर लगाई जाएगी। आपने कोवैक्सीन लगवाई हो या कोवीशील्ड, आप नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगवा सकेंगे।
23. नेजल वैक्सीन की कीमत क्या है ?
नेजल वैक्सीन को Co-Win पोर्टल में शामिल कर दिया जाएगा। यहां जा कर आप इस वैक्सीन की उपलब्धता की जानकारी ले सकेंगे। जनवरी से निजी अस्तपालों में नेजल वैक्सीन उपलब्ध होगी। इस वैक्सीन की एक डोज के लिए आपको 800 रुपये खर्च करने होंगे।
24. जिन्हें बूस्टर डोज लग चुकी है उन्हें क्या करना होगा ?
अगर आपको बूस्टर डोज लग चुकी है तो आपको बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। इस संबंध में जरूरत होगी तो आने वाले समय में सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की जाएगी। फिलहाल आप कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और मास्क लगाएं।
25. हाइब्रिड इम्युनिटी क्या है?
भारत में कोविड लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को कोविड के वायरस का संक्रमण हुआ। इसके बाद लोगों ने बड़े पैमाने पर वैक्सीन लगवाई। विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस के संक्रमण के बाद वैक्सीन लेने से पैदा हुई इम्यूनिटी आपके शरीर में एक मजबूत प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती है। इसी को हाइब्रिड इम्यूनिटी कहा जा रहा है