छठ पूजा के बहाने बिहारियों को साधने की कोशिश कर रही भाजपा, मुंबई-ठाणे में बनाए गए सैंकड़ों घाट
भारतीय जनता पार्टी इस वर्ष दीवाली और छठ पूजा के बहाने बिहार विधानसभा चुनाव एवं मुंबई महानगरपालिका सहित महाराष्ट्र के सभी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए बिहारियों को साधने की कोशिश कर रही है। क्योंकि मुंबई-ठाणे में बड़ी संख्या में रहनेवाले बिहार मूल के जो लोग दीवाली की छुट्टियों पर अपने गांव जा रहे हैं, वे इस बार छठ पर्व के साथ-साथ लोकतंत्र का पर्व विधानसभा चुनाव निपटाकर ही मुंबई लौटेंगे।

छठ पूजा के बहाने बिहारियों को साधने की कोशिश कर रही भाजपा (फाइल फोटो)
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। भारतीय जनता पार्टी इस वर्ष दीवाली और छठ पूजा के बहाने बिहार विधानसभा चुनाव एवं मुंबई महानगरपालिका सहित महाराष्ट्र के सभी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए बिहारियों को साधने की कोशिश कर रही है। क्योंकि मुंबई-ठाणे में बड़ी संख्या में रहनेवाले बिहार मूल के जो लोग दीवाली की छुट्टियों पर अपने गांव जा रहे हैं, वे इस बार छठ पर्व के साथ-साथ लोकतंत्र का पर्व विधानसभा चुनाव निपटाकर ही मुंबई लौटेंगे।
मुंबई और ठाणे में बिहार मूल के 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं
एक अनुमान के मुताबिक मुंबई और ठाणे में बिहार मूल के 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने मुंबई को अपनी कर्मभूमि तो बनाया है, लेकिन उनका नाम अब भी बिहार की मतदाता सूची में है।
मुंबई-ठाणे की मतदाता सूची में है बिहारियों के नाम
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान इनमें से कई लोगों के नाम कट गए हैं। इसके बावजूद बड़ी संख्या उन लोगों की है, जिन्होंने एसआईआर के दौरान भी अपना नाम अपनी मातृभूमि में ही बनाए रखा है। बाकियों का नाम मुंबई-ठाणे की मतदाता सूची में है। यानी ये बिहारी मतदाता वर्ग किसी भी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के लिए महाराष्ट्र के साथ-साथ बिहार में भी उपयोगी हो सकते हैं।
छठ पूजा मुंबई में धूमधाम से मनाया जाता है
मुंबई में इनके प्रभाव का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि बिहार के लोगों का बड़ा पर्व छठ पूजा मुंबई में जुहू के समुद्री तट सहित कुल 40 स्थानों पर मनाया जाता है, और मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमित साटम ने इस बार मुंबई महानगरपालिका से 60 स्थानों पर इस पर्व के लिए व्यवस्था करने की मांग की है।
मुंबई-ठाणे की सड़कों और विभिन्न घाटों पर दिखाई देते हैं
उन्होंने छठ पूजा की रात भर मुंबई में मेट्रो बस सेवाएं भी चालू रखने की मांग की है। क्योंकि छठ पूजा के दिन भगवान सूर्य की सायंकालीन पूजा से लेकर अगली सुबह प्रातःकालीन अर्घ्य तक सात से आठ लाख तक बिहारी परिवार के लोग मुंबई-ठाणे की सड़कों और विभिन्न घाटों पर दिखाई देते हैं।
बिहारियों के इसी जनसैलाब ने 1990-91 में ही भाजपा नेता मोहन मिश्र को इस जनसैलाब के लिए छठ पूजा की उचित व्यवस्था करने के हेतु प्रेरित किया और आज भी भाजपा नेताओं को इस पर्व से जुड़ने के लिए प्रेरित करता रहता है।
2004 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रमोद महाजन ने मोहन मिश्र को मलाबार हिल्स क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी मंगलप्रभात लोढ़ा के लिए उस क्षेत्र के बिहारियों का समर्थन जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। अब वही मंगलप्रभात लोढ़ा महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में हिंदीभाषियों के कोटे से वरिष्ठ मंत्री हैं।
पिछले सप्ताह बीएमसी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में वह भी शामिल थे, और उन्होंने छठ पूजा के लिए गणपति उत्सव की तर्ज पर ‘वन विंडो क्लियरेंस सिस्टम’ बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को यह सलाह भी दी कि पहले से होती आ रही छठ पूजाओं को आवेदन मिलते ही अनुमति दी जानी चाहिए।
छठ पूजा को लेकर भाजपा की गंभीर
कोई नया आवेदन मिले तो उस पर नए सिरे से विचार किया जाना चाहिए। छठ पूजा को लेकर भाजपा की गंभीरता का अहसास इसी से होता है कि पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद से देवेंद्र फडणवीस लगातार जुहू के समुद्र तट पर होनेवाली छठ पूजा का हिस्सा बनते रहे हैं।
इस बार उन्होंने इस उत्सव को महाराष्ट्र और बिहार के बीच सांस्कृतिक सेतु बताते हुए उत्सव से करीब 20 दिन पहले ही एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी शुभकामनाएं दे दी हैं।
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