कौन थे बिजनेसमैन दर्शन सिंह साहसी? जिन्हें कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने दिनदहाड़े उतारा मौत के घाट
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने कनाडा में भारतीय मूल के व्यवसायी दर्शन सिंह साहसी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। गोल्डी ढिल्लों ने सोशल मीडिया पर ड्रग तस्करी और पैसे न देने को हत्या का कारण बताया। साहसी पंजाब के लुधियाना के रहने वाले थे और कैनम इंटरनेशनल के अध्यक्ष थे। हमलावरों ने उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ब्रिटिश कोलंबिया स्थित भारतीय मूल के उद्योगपति दर्शन सिंह साहसी की हत्या की जिम्मेदारी ली है।
बिश्नोई गैंग के सदस्य गोल्डी ढिल्लों ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है कि उसने साहसी की हत्या ड्रग तस्करी में कथित संलिप्तता और उन्हें पैसे देने से इनकार करने के आरोप में की थी। पंजाबी-कनाडाई व्यवसायी साहसी की 27 अक्टूबर की सुबह एबॉट्सफोर्ड स्थित उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई थी।
कौन थे दर्शन सिंह साहसी?
दर्शन सिंह साहसी पंजाब के लुधियाना जिले के राजगढ गांव के मूल निवासी थे। वह 1991 में कनाडा आकर बस गए और कपड़ा रीसाइक्लिंग यूनिट, कैनम इंटरनेशनल में हिस्सेदारी खरीदने से पहले कई छोटे-मोटे काम किए।
वह कैनम इंटरनेशनल के अध्यक्ष थे। यह एक विश्व स्तर पर प्रसिद्ध कपड़ा रीसाइक्लिंग कंपनी है और अपने पारदर्शी और टिकाऊ व्यवसाय मॉडल के लिए जानी जाती है।
कैनम कपड़ों के दोबारा इस्तेमाल, डाउनसाइक्लिंग सर्किल क्लोथ इकोनॉमी की वकालत करता है। कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इसमें प्रतिदिन लगभग पांच लाख पाउंड कपड़ों का प्रोसेसिंग शामिल है।
पंजाबी मूल के कई कर्मचारी उनकी कंपनी में काम करते थे और गुजरात के कांडला में भी उनका बिजेनस था। साहसी सामाजिक और परोपकारी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे।
दर्शन सिंह साहसी की हत्या कैसे हुई?
शुरूआती जांच से पता चलता है कि हमलावर साहसी के घर के बाहर सड़क किनारे खड़ी अपनी कार पर आने का इंतजार कर रहा था। जैसे ही साहसी अपनी कार में बैठे, सड़क के उस पार एक अन्य कार में खड़े हमलावर ने कई गोलियां चलाईं और घटनास्थल से भाग गया।
एबॉट्सफोर्ड पुलिस विभाग को सुबह लगभग 9:22 बजे गोलीबारी की सूचना मिली और घटनास्थल पर पहुंचते ही साहसी को गंभीर हालत में पाया गया। बताया गया है कि पहले बचावकर्मियों ने व्यवसायी को बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
घटना के दौरान, आस-पास के तीन स्कूलों को एहतियातन 'आश्रय-स्थल' प्रोटोकॉल के तहत रखा गया था और सभी को इमारत के अंदर ही रहने को कहा गया था। किसी भी छात्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। हत्या की जांच जारी है।

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