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    सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: नई संसद पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला मंगलवार को, पर्यावरण मंजूरी समेत कई मुद्दों को उठाया गया

    By Arun kumar SinghEdited By:
    Updated: Mon, 04 Jan 2021 09:47 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जु़ड़ी विभिन्न याचिकाओं पर फैसला सुनाया जाएगा। इन याचिकाओं में नई संसद को लेकर पर्यावरण मंजूरी समेत कई मुद्दों को उठाया गया है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा सितंबर 2019 की गई थी।

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    महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जु़ड़ी विभिन्न याचिकाओं पर फैसला

     नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जु़ड़ी विभिन्न याचिकाओं पर फैसला सुनाया जाएगा। इन याचिकाओं में नई संसद को लेकर पर्यावरण मंजूरी समेत कई मुद्दों को उठाया गया है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा सितंबर, 2019 की गई थी। इसमें संसद की नई त्रिकोणीय इमारत होगी जिसमें एक साथ 900 से 1200 सांसद बैठ सकेंगे। इसका निर्माण 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अगस्त, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें केंद्रीय सचिवालय का निर्माण वर्ष 2024 तक करने की योजना है।

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     जस्टिस एएम खानविल्कर, दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना की खंडपीठ इस मामले में मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी। यह फैसला अदालत ने पिछले साल पांच नवंबर को ही सुरक्षित कर दिया था। पिछले साल सात दिसंबर को केंद्र सरकार को सेंट्रल विस्टा परियोजना की आधारशिला रखने की अनुमति दी थी। सरकार ने भी आश्वासन दिया था कि लंबित याचिकाओं पर फैसला होने से पहले निर्माण या विध्वंस का वहां पर कोई कार्य नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दस दिसंबर को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी।

    जानें कैसी होगी नई संसद

    नई इमारत में 1,224 सांसद एक साथ बैठ सकते हैं। इसमें भविष्‍य में सांसदों की संख्‍या को बढ़ने को लेकर नया भवन बनाया गया है, जबकि दोनों सदनों के सभी सांसदों के लिए एक नया कार्यालय परिसर मौजूदा श्रम शक्ति भवन में बनाया जाएगा। नए भवन में लोकसभा सदस्यों के लिए लगभग 888 सीटें होंगी और राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से अधिक सीटें होंगी। नया संसद भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में बनेगा। इसके लिए  टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को परियोजना का ठेका दिया गया है। नई इमारत का स्‍वरूप मौजूदा संसद के समान होगा। नई इमारत में एक तहखाना, भूतल, पहली और दूसरी मंजिलें होंगी और इसकी ऊंचाई भी पुरानी इमारत जैसी ही होगी। इसमें सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे और जिन्हें 'पेपरलेस ऑफिस' बनाने की दिशा में एक कदम के रूप में नवीनतम डिजिटल इंटरफेस से लैस किया जाएगा।