Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'हम आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन...' एस जयशंकर से मुलाकात के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सीमा विवाद पर भी रखी अपनी बात

    चीन के विदेश मंत्री तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की जहां दोनों देशों के बीच प्रतिनिधि स्तर पर वार्ता हुई। माना जा रहा है कि वांग यी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिलेंगे और 19 अगस्त को पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और चीन के बीच राजनीतिक विश्वास और सहयोग को बढ़ाना है।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 18 Aug 2025 06:44 PM (IST)
    Hero Image
    भारत और चीन के बीच प्रतिनिधि स्तर पर वार्ता हुई।(फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री वांग यी तीन दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं। सोमवार को भारत और चीन के बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हुई। वांग यी ने विदेश मंत्री जयशंकर से बातचीत की।

    चीनी विदेश मंत्री ने बातचीत में कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सीमा पर तनाव कम होता रहे। दोनों देशों ने कई चुनौतियां देखी हैं। हमारे रिश्ते बेहतर बन सकते हैं, लेकिन दोनों देशों को एक साथ आगे बढ़ना होगा। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आतंकवाद से लड़ाई हमारी प्राथमिकता: एस जयशंकर

    दूसरी ओर जयशंकर ने कहा,"आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई एक और प्रमुख प्राथमिकता है। मैं हमारे विचारों के आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं। कुल मिलाकर, हमारी उम्मीद है कि हमारी चर्चा भारत और चीन के बीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंध बनाने में योगदान देगी, जो हमारे हितों की पूर्ति करेगा और हमारी चिंताओं का समाधान करेगा।"

    अगले हफ्ते चीन जाएंगे पीएम मोदी    

    बता दें कि एक हफ्ते के बाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग भाग लेने के लिए पीएम मोदी चीन जाएंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे. वांग यी 19 अगस्त को पीएम मोदी से भी मिलेंगे।

    विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि वांग की यात्रा के माध्यम से चीन भारत के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करता है। वांग की इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच राजनीतिक विश्वास,व्यावहारिक सहयोग को बढ़ाना है।

    यह भी पढ़ें- ट्रंप का टैरिफ बम होगा फुस्स! भारत ने डिप्लोमेसी को किया रीसेट, नई रणनीति बनाने दिल्ली आ रहे चीनी विदेश मंत्री