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    BR Gavai: रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे CJI? खुद बताया अपना सेवानिवृत्ति का पूरा प्लान

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 03:39 PM (IST)

    भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने स्पष्ट किया है कि वे सेवानिवृत्ति के बाद कोई भी सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे। अमरावती में एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीजेआई गवई ने कहा कि वे 24 नवंबर के बाद परामर्श और मध्यस्थता करेंगे। उन्होंने पहले भी कई मौकों पर यह घोषणा की है। सीजेआई गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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    सेवानिवृत्ति के बाद परामर्श और मध्यस्थता करूंगा, सीजेआई का बड़ा बयान।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने शनिवार को एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह रिटायरमेंट के बाद कोई भी कोई सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे।

    दरअसल, एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि वह सेवानिवृत्ति के बाद परामर्श और मध्यस्थता करेंगे।

    जानिए क्या बोले सीजेआई

    जानकारी दें कि अमरावती जिला एवं सत्र न्यायालय में स्वर्गीय टी आर गिल्डा मेमोरियल ई-लाइब्रेरी के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए सीजेआई ने कहा कि मैंने पहले भी कई मौकों पर घोषणा की है कि मैं 24 नवंबर के बाद कोई भी सरकारी पद स्वीकार नहीं करूंगा। मैं परामर्श और मध्यस्थता करूंगा। जानकार दें कि सीजेआई गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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    CJI बनने के बाद पहली बार पहुंचे थे अपने गांव

    बता दें कि सीजेआई का कार्यभाल संभालने के बाद पहली बार बीआर गवई अपने पैतृक गांव दारापूर पहुंचे थे। शुक्रवार को उन्होंने अपने पिता की 10वीं पुण्यतिथि पर उनके स्मारक स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसके अलावा उन्होंने इस दौरान अपनी पुरानी यादों को ताजा किया।

    पहले भी इस बात को लेकर जता चुके हैं चिंता

    बता दें कि पिछले महीने ही भारत के मुख्य न्यायाधीश गवई ने नाइटेड किंगडम के सुप्रीम कोर्ट में एक गोलमेज चर्चा में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने रिटायर जजों द्वारा सरकारी नियुक्तियां लेने या चुनावी राजनीति में प्रवेश करने पर चिंता व्यक्त की थी।

    इस दौरान उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद न्यायाधीशों द्वारा सरकार की नियुक्तियां स्वीकार करना या चुनावी राजनीति में प्रवेश करना महत्वपूर्ण नैतिक मुद्दे उठाती हैं और न्यायापालिका में जनता के विश्वास को नुकसान पहुंचाने का जोखिम भी पैदा करती है। (इनपुट पीटीआई के साथ)

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