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    नौसेना की ताकत बढ़ाएंगे तीन नए पोत, चीन को पीछे छोड़ने को तैयार भारतीय नेवी

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 05:56 AM (IST)

    वायुसेना के मोर्चे पर चीन को पीछे छोड़ चुका भारत अब नौसैनिक मोर्चे पर भी चीन को पीछे छोड़ने को तैयार है। जहाज बनाने वाली सरकारी कंपनी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने शनिवार को तीन अत्याधुनिक पोतों का एक साथ जलावतरण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की।

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    कोचीन शिपयार्ड ने तीनों पोतों का एकसाथ किया जलावतरण (फोटो- एक्स)

    आइएएनएस, कोच्चि। वायुसेना के मोर्चे पर चीन को पीछे छोड़ चुका भारत अब नौसैनिक मोर्चे पर भी चीन को पीछे छोड़ने को तैयार है। जहाज बनाने वाली सरकारी कंपनी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने शनिवार को तीन अत्याधुनिक पोतों का एक साथ जलावतरण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की।

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    कोचीन शिपयार्ड ने तीनों पोतों का एकसाथ किया जलावतरण

    इन पोतों में एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी), हाइब्रिड इलेक्ट्रिक मेथनाल-रेडी कमीशनिंग सर्विस आपरेशन वेसल (सीएसओवी) और देश का सबसे बड़ा ट्रेलर सक्शन हापर ड्रेजर, डीसीआइ ड्रेज गोदावरी शामिल है।

    एक साथ तीन पोतों का जलावतरण जटिल जहाज निर्माण, टिकाऊ प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की बढ़ती क्षमताओं को रेखांकित करता है।

    सीएसएल ने कहा कि ये पोत मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत की इंजीनिय¨रग उत्कृष्टता और स्वदेशीकरण की प्रतिबद्धता का परिचायक है।

    आठ जहाजों की श्रृंखला में छठा जहाज है एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसीभारतीय नौसेना के लिए निर्मित एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी आठ जहाजों की श्रृंखला का छठा पोत है। ये पोत नौसेना के मौजूदा अभय श्रेणी के जलपोतों की जगह लेंगे।

    आइएनएस मगदाला के रूप में नौसेना में शामिल होने के बाद 78 मीटर लंबा यह पोत पानी के नीचे के सेंसर, हल्के टारपीडो, एएसडब्ल्यू राकेट और बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता के साथ तटीय पनडुब्बी रोधी ताकत बढ़ाएगा।

    देश का सबसे बड़ा ड्रेजर है डीसीआइ ड्रेज गोदावरी

    डीसीआइ ड्रेज गोदावरी भारत का सबसे बड़ा ड्रेजर है। 12,000 घन मीटर क इस पोत को रायल आइएचसी, नीदरलैंड के सहयोग से ड्रे¨जग कारपोरेशन आफ इंडिया के लिए विकसित किया गया है। ड्रे¨जग का उद्देश्य तल तलछट को इकट्ठा कर उसका निस्तारण करना होता है। 127 मीटर लंबा यह पोत बंदरगाह विकास, भूमि सुधार और जलमार्गों के रखरखाव के लिए उपयोगी होगा।

    तैरते होटल के रूप में भी काम करेगा हाइब्रिड इलेक्ट्रिक

    मेथेनाल-रेडी सीएसओवी93 मीटर लंबा हाइब्रिड इलेक्ट्रिक मेथेनाल-रेडी सीएसओवी को तटीय पवन चक्कियों के रखरखाव के लिए बनाया गया है। यह पोत हाइब्रिड प्रोपल्सन प्रणाली, मेथनाल-रेडी इंजन, बड़ी लिथियम-आयन बैटरी पैक और मोशन-कंपेंसटेड गैंगवे सिस्टम से लैस है। यह पोत तटीय पवन चक्कियों के निर्माण, संचालन और रखरखाव में सहायता करेगा।