कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में एक्शन, Sresan Pharma कंपनी से जुड़े परिसरों पर ED की छापामारी
मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से 20 से अधिक बच्चों की मौत के बाद, तमिलनाडु की निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मा पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा है। कंपनी से जुड़े कई परिसरों पर छापामारी की गई है। कंपनी के मालिक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। यह कार्रवाई कफ सीरप से हुई मौतों के बाद की जा रही है।

कोल्ड्रिफ कफ सीरप बनाने वाली कंपनी Sresan Pharma कंपनी से जुड़े परिसरों पर ED की छापामारी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से 20 से अधिक बच्चों की जान गई है। इस कफ सीरप को एमपी समेत कई राज्यों में बैन कर दिया गया है। सीरप बनाने वाली तमिलनाडु की कंपनी श्रीसन फार्मा के खिलाफ फिर एक बड़ा एक्शन लिया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फार्मा से जु़ड़े कई परिसरों में सोमवार को छापामारी की है। हालांकि, छापामारी से जुड़ी अधिक डिटेल आनी बाकी है। बता दें कि कोल्ड्रिफ कफ सीरप को श्रीसन फार्मा ही बनाती है।
कंपनी के मालिक हो चुके हैं गिरफ्तार
बता दें इस फार्मा कंपनी के केस दर्ज किया गया है। फार्मास्युटिकल कंपनी स्रसेन फार्मा के मालिक रंगनाथन को चेन्नई में मध्य प्रदेश पुलिस ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। अब कंपनी से जुड़े परिसरों में ईडी की छापामारी चल रही है।
गौरतलब है कि कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से मध्य प्रदेश में 22 बच्चों की जान गई है। वहीं, राजस्थान में भी इस सीरप के सेवन से बच्चों ने अपनी जान खोई है।
कई राज्यों में बैन हुई कोल्ड्रिफ सीरप
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से 20 से अधिक बच्चों की जान गई है। इसके बाद राज्य सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए इस दवा की बिक्री पर बैन लगा दिया। इसके बाद राजस्थान समेत कई राज्यों में कोल्ड्रिफ कफ सीरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई। इसमें गुजरात, पंजाब, यूपी, तमिलनाडु, बंगाल इत्यादि शामिल है।
चिकित्सकों ने दी ये सलाह
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की इस घटना ने लोगों को हिला कर रख दिया है। इस बीच चिकित्सकों ने कहा कि बिना किसी सलाह के बच्चों को दवा देना खतरनाक साबित हो सकता है। बाल रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि सीरप के सेवन से बलगम पतला हो जाता है, जिसको नवजात बाहर नहीं निकाल पाते हैं। बिना किसी चिकित्सकीय सलाह के छोटे बच्चों को इस प्रकार दवाएं देना हानिकारत साबित हो सकता है।(इनपुट एजेंसी के साथ)
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