'क्या बहस के लिए कोई विषय नहीं', शीतकालीन सत्र पर विपक्ष ने सरकार को घेरा; BJP ने किया पलटवार
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के शीतकालीन सत्र की तारीखों का ऐलान किया, जो 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। कांग्रेस ने सत्र की अवधि पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है। जयराम रमेश ने सत्र को छोटा बताते हुए सरकार से पूछा कि क्या उनके पास बहस के लिए कोई मुद्दा नहीं है।

शीतकालीन सत्र पर विपक्ष ने सरकार को घेरा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के शीतकालीन सत्र के तारीखों की घोषणा कर दी है। संसद का शीतकालीन सत्र आगामी 1 दिसंबर से चालू होगा, जो 19 दिसंबर तक चलेगा। संसद सत्र संक्षिप्त होने को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा क्या बहस के लिए कोई विषय नहीं है? वहीं, इसको लेकर किरेन रिजिजू की प्रतिक्रिया आ गई है।
दरअसल, संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा और 19 दिसंबर को समाप्त होगा। यह जानकारी जैसे ही सामने आई, उसके तुंरत बाद कांग्रेस ने इस पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए।
सरकार किससे भाग रही है?
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद के शीतकालीन सत्र की अवधि और समय को लेकर सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि यह "असामान्य रूप से विलंबित और छोटा" है। उन्होंने पूछा था कि "सरकार किससे भाग रही है?"
समाचार एजेंसी एएनाई से बात करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि शीतकालीन सत्र आमतौर पर 20 से 23 नवंबर के बीच बुलाया जाता है और 24 दिसंबर तक चलता है। इस सत्र में केवल 15 बैठकें होंगी। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि यह शीतकालीन सत्र इतनी देर से बुलाया गया। आमतौर पर यह 20 से 23 नवंबर और 24 दिसंबर के बीच आयोजित होता है और तीन से चार हफ्ते तक चलता है। मुझे आश्चर्य हुआ कि इस बार सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा और केवल 15 दिन चलेगा... मुझे समझ नहीं आ रहा कि सरकार किस बात से भाग रही है।"
क्या बहस के लिए कोई विषय नहीं?
सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव से पहले सत्र छोटा कर दिया जाता है और पूछा कि क्या लोकसभा चुनाव आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि क्या दिल्ली के प्रदूषण के कारण सत्र छोटा किया जा रहा है? क्या कोई कानून या विधेयक नहीं है? क्या बहस के लिए कोई विषय नहीं है?... वे इसे बस एक औपचारिकता के रूप में जल्द से जल्द समाप्त करना चाहते हैं। यह पहली बार है जब हमने ऐसा देखा है... हां, चुनाव से पहले सत्र छोटा किया जाता है, तो क्या यह संकेत देता है कि लोकसभा चुनाव आ रहे हैं?"
बीजेपी ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के इन सवालों पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिक्रिया दी है। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस को बहस में भाग लेने के इच्छुक अन्य ईमानदार सांसदों के लिए बाधाएं पैदा नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मानो कांग्रेस नेताओं को संसद सत्र चलाने में रुचि है! लेकिन मैं कांग्रेस पार्टी से बार-बार यह अपील करते नहीं थकूंगा कि वह संसद की बहसों और चर्चाओं में भाग ले और अन्य ईमानदार सांसदों के लिए बाधाएं पैदा न करे। संसद को चलने दें।"
राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
रिजिजू ने इससे पहले एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) आयोजित करने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुझे एक रचनात्मक और सार्थक सत्र की आशा है जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।

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