बिहार की चुनावी सरगर्मी के बीच कांग्रेस को क्यों आयी सीताराम केसरी की 'याद', राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
बिहार में महागठबंधन की बाधाएं दूर होते ही कांग्रेस ने चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने के संकेत दिए हैं। राहुल गांधी ने सीताराम केसरी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और युवाओं के मुद्दे उठाए। उन्होंने युवाओं को रोजगार देने का वादा किया और सरकार की नाकामियों पर हमला बोला। भाजपा ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया, जबकि राहुल ने नौकरी के मुद्दे पर एनडीए को घेरा।

सीताराम केसरी को श्रद्धांजलि देते राहुल गांधी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन की सियासी गतिरोध की गांठ खुलते ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भी सूबे के चुनाव में सक्रिय भागीदारी के लिए उतरने की अपनी तैयारियों का संकेत दे दिया है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शुक्रवार एक ओर पार्टी मुख्यालय 24 अकबर रोड पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी की 25वीं पुण्य तिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देते नजर आए।
कांग्रेस के शिखर नेतृत्व तक पहुंचने वाले बिहार के दिग्गज नेता रहे सीताराम केसरी को आज वर्तमान शीर्षस्थ नेतृत्व द्वारा याद किए जाने को पार्टी बेशक सहज बताए मगर लंबे समय बाद उनकी स्मरण सहज ही बिहार चुनाव से जुड़ता दिख रहा है। केसरी को श्रद्धांजलि देने के साथ ही राहुल गांधी ने दूसरी बिहार के युवाओं को लगातार उद्वेलित करने वाले बेरोजगारी और पेपर लीक जैसे अहम मुद्दे उठाए।
सीताराम केसरी से इस्तीफा लेकर सोनिया गांधी को सौंपी गई थी कमान
महागठबंधन के सत्ता में आने पर युवाओं की नौकरी-रोजगार को सबसे बड़ी प्राथमिकता देने के इरादे जाहिर करते हुए नेता विपक्ष ने सूबे के युवाओं की प्रशंसा से गुरेज नहीं किया। बिहार के युवा कुछ कर दिखाने का रखते हैं हौसला पर सिस्टम उन्हें फेल कर रहा है। कांग्रेस के पुराने मुख्यालय में सीताराम केसरी को राहुल गांधी समेत तमाम कांग्रेस नेताओं द्वारा उनकी 25वीं पुण्यतिथि पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि वस्तुत: सियासत के घूमते पहिए का एक चक्र पूरा होने जैसा है।
खासकर इसलिए कि इसी 24 अकबर रोड पर मार्च 1998 में कांग्रेस कार्यसमिति ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से सीताराम केसरी का इस्तीफा लेकर सोनिया गांधी को नेतृत्व की कमान सौंपी थी। जबकि शुक्रवार को उनके पुत्र नेता विपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने उन्हें याद किया। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव को हटाकर 1996 में कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए सीताराम केसरी बिहार ही नहीं देश के ओबीसी समुदाय के कद्दावर नेता थे।
भाजपा ने किया कटाक्ष
बिहार चुनाव में ओबीसी-ईबीसी समुदाय की निर्णायक भूमिका है और सभी पार्टियां इन वर्गों के बीच अपने सियासी समीकरण सुधारने की कोशिश करती रही हैं। ऐसे में केसरी की स्मृतियों को याद करने की कांग्रेस की यह पहल शायद ही बिहार की चुनावी राजनीति की पृष्ठभूमि से इतर मानी जाए।
भाजपा और पीएम मोदी ने इसको लेकर शुक्रवार को कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए अपनी सियासत का दांव चलने में तनिक भी देर नहीं लगाई और कहा कि ''परिवार'' के इशारे पर अपमानित कर केसरी को कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया गया। बहराहल केसरी को याद करने के बाद राहुल गांधी ने बिहार में नीतीश-भाजपा के एनडीए के खिलाफ महागठबंधन के रूके प्रहार को धार देते हुए नौकरी के मुद्दे पर उसे घेरा।
नौकरी के मुद्दे पर राहुल ने एनडीए को घेरा
नेता विपक्ष ने शुक्रवार को फेसबुक पोस्ट में कहा कि बिहार के युवा मेहनती हैं, कुछ कर दिखाने का हौसला रखते हैं। लेकिन सरकार और सिस्टम की नाकामियां उनके सपनों को तोड़ रही हैं। बेरोजगारी और पलायन की मार झेल रहे युवाओं के बीच जब नौकरी की थोड़ी उम्मीद जगती है तो पेपर लीक करवा कर उस पर भी पानी फेर दिया जाता है। और जब युवा न्याय की मांग करते हैं, तो उन पर अंधाधुंध लाठियां बरसाई जाती हैं। हम मिलकर इस हालात को बदलेंगे। युवाओं के हक और उनके बेहतर भविष्य के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।

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