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    आंध्र प्रदेश में 100 किमी की रफ्तार से टकराया 'मोंथा', एक की मौत; कई ट्रेनें रद

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 08:02 AM (IST)

    चक्रवाती तूफान 'मोंथा' आंध्र प्रदेश तट से टकराकर ओडिशा की ओर बढ़ा, जिससे 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ। तूफान के कारण एक महिला की मौत हो गई और 2 लोग घायल हो गए। मौसम विभाग के अनुसार, तूफान कमजोर हो रहा है। सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है और आवश्यक कदम उठाए हैं। 'मोंथा' का अर्थ थाई भाषा में सुगंधित फूल होता है।

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    फोटो सोर्स- पीटीआई

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान मोंथा आंध्र प्रदेश की तटों को पार कर ओडिशा की ओर बढ़ गया है। इस तूफान का असर ओडिशा के कई जिलों में देखने को मिला। इस तूफान के कारण कुल 15 जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुई है।

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    हालांकि मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मोंथा तूफान धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है और जो अनुमान लगाए गए थे उससे इसकी तीव्रता बेहद कम है।

    1 की मौत, 2 घायल

    मोंथा तूफान की वजह से कम से कम एक शख्स की मौत हो गई है। दरअसल कोनासीमा जिले में एक बुजुर्ग महिला के घर पर पेड़ गिरने से उनकी मौके पर मौत हो गई। इसके अलावा तेज हवाओं के कारण नारियल के पेड़ उखड़ने से एक लड़का और एक ऑटो चालक घायल हो गए।

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    कब पहुंचा मोंथा?

    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि शाम लगभग 7 बजे तूफान के आने की प्रक्रिया शुरू हुई। विभाग ने कहा कि यह मौसम प्रणाली मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट को पार करते हुए निकल गई।

    आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के काकीनाडा, कृष्णा, एलुरु, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनासीमा, तथा चिंतुरू और रामपचोदवरम संभागों में चक्रवात का सबसे अधिक प्रभाव देखा जा रहा है।

    राज्य सरकार ने मंगलवार रात 8.30 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक इन सात जिलों में सभी वाहनों की आवाजाही स्थगित करने का आदेश दिया है। चक्रवात के राज्य भर के 22 जिलों के 403 मंडलों को प्रभावित करने की आशंका है। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि चक्रवात निचले और जलमग्न क्षेत्रों में खड़ी धान और सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे जहां तक संभव हो, खेतों से अतिरिक्त पानी निकाल दें।

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    क्या-क्या तैयारी है?

    निर्बाध आपातकालीन संचार सुनिश्चित करने के लिए, 81 वायरलेस टावर और 21 बड़े लैंप लगाए गए हैं। सरकार ने उखड़े हुए पेड़ों को हटाने के लिए 1,447 अर्थमूवर, 321 ड्रोन और 1,040 चेनसॉ भी तैयार रखे हैं। तैयारी के उपायों के तहत, राज्य भर के निवासियों को 3.6 करोड़ अलर्ट मैसेज भेजे गए हैं।

    सुबह 8.30 बजे से शाम 4 बजे के बीच, नेल्लोर जिले के उलवापाडु में 12.6 सेमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद कावली (12.2 सेमी), दगदर्थी (12 सेमी), सिंगरायकोंडा (10.5 सेमी), बी कोदुर (6 सेमी), और विशाखापत्तनम और तुनी (प्रत्येक में 2 सेमी) में बारिश दर्ज की गई। एक समीक्षा बैठक के दौरान, अधिकारियों ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को बताया कि नेल्लोर जिले में अब तक सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है।

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    क्या होता मोंथा का अर्थ?

    थाई भाषा में 'मोंथा' का अर्थ सुगंधित फूल होता है। इस बार इस च्रकवाती तूफान का नाम थाईलैंड की ओर से रखा गया है। साल 2004 से ही चक्रवातों के नामकरण की प्रथा की शुरूआत हुई। इससे तूफानों को समझने और इसकी जागरूकता में आसानी होती है।

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