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    Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट के लिए आतंकियों ने क्यों चुनी 10/11 की तारीख? हो गया खुलासा

    By NILOO RANJAN KUMAREdited By: Swaraj Srivastava
    Updated: Tue, 11 Nov 2025 10:00 PM (IST)

    लाल किले के पास हुआ धमाका आतंकियों की हताशा का नतीजा था, वे बड़े हमले की योजना बना रहे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 3,000 किलो विस्फोटक बरामद किए और आठ आतंकियों को गिरफ्तार किया। आतंकियों को विस्फोटकों के इस्तेमाल की जानकारी नहीं थी, उन्हें सिर्फ इकट्ठा करने का निर्देश था। विस्फोटकों में कीलें नहीं थीं, जिससे पता चलता है कि वे किसी विशेष उद्देश्य के लिए थे। साथियों की गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर उमर ने दिल्ली में धमाका किया।

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    आतंकियों की योजना कहीं अधिक गंभीर हमले की थी (फोटो: एएनआई)

    नीलू रंजन, जागरण नई दिल्ली। लाल किला के निकट हुए धमाके को आतंकियों के असली इरादे का हिस्सा नहीं माना जा रहा है। यह विस्फोट पूरे माड्यूल का भंडाफोड़ होने के कारण हताशा में किया गया था। आतंकियों की योजना कहीं अधिक गंभीर हमले की थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है।

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    3,000 किलोग्राम विस्फोटक व अन्य हथियारों की रिकवरी के साथ माड्यूल के आठ आतंकियों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार करने वाले जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनकी टीम लगभग 15 दिनों से डाक्टर मुजम्मिल और डाक्टर शाहीन की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। उन्हें फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक, डेटोनेटर, टाइमर और अन्य हथियार इकट्ठा करने की ठोस जानकारी मिली थी और उन्हें बरामद भी किया गया।

    हालांकि, इन आतंकियों को यह नहीं पता था कि इन विस्फोटकों का इस्तेमाल कहां और कैसे करना है। उनकी बातचीत और बाद में पूछताछ में भी यह सामने नहीं आया। उनके पास स्पष्ट निर्देश विस्फोटकों और हथियारों को इकट्ठा करने का था। जाहिर है टारगेट तय करने के बाद इनका इस्तेमाल किया जाना था।

    कील जैसी चीजें नहीं मिलाई गईं

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आई-20 कार में रखे विस्फोटकों में कील जैसी चीजें नहीं मिलाई गई थीं। आमतौर पर, आतंकी भीड़भाड़ वाले इलाकों में अधिक से अधिक लोगों को निशाना बनाने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं, जिससे विस्फोट घातक बन जाता है और दूर तक लोग उनकी चपेट में आ जाते हैं। जाहिर है इस विस्फोटक को भीड़भाड़ वाले स्थान के लिए नहीं तैयार किया गया था। उसे किसी विशेष उद्देश्य के लिए तैयार किया जा रहा था।

    अधिकारी ने यह भी बताया कि आतंकियों द्वारा एक गाड़ी खरीदने की बात सामने आई है। सवाल यह उठता है कि 3000 किलो विस्फोटक जमा करने का उद्देश्य क्या था? स्पष्ट है कि इन विस्फोटकों का उपयोग कई गाड़ियों में या एक बड़ी गाड़ी में करने की योजना थी।

    लेकिन साथियों की गिरफ्तारी और विस्फोटकों की बरामदगी के बाद डाक्टर उमर के लिए साफ हो गया कि उसका खेल खत्म हो गया है और फरीदाबाद में उसे कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। यही कारण है कि वह सुबह-सुबह ही फरीदाबाद से दिल्ली आ गया और पूरे दिन इंतजार करने के बाद शाम को धमाके को अंजाम दिया।