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    6 दिसंबर को थी बड़े हमले की तैयारी, बाबरी मस्जिद विध्वंस से निकला कनेक्शन; पढ़ें कैसे फेल हुआ प्लान

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 09:37 AM (IST)

    दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट को सरकार ने आतंकी घटना बताया है। जांच में पता चला कि डॉ. उमर नबी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर हमले की योजना बनाई थी। उसने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से मुलाकात की थी और विस्फोटकों को इकट्ठा किया था। 

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    उमर ने 6 दिसंबर की बनाई थी सारी प्लानिंग, लेकिन 10 नवंबर को हो गया विस्फोट

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने लाल किले के पास हुए कार विस्फोट को 'आतंकवादी घटना' बताया। जांच के दौरान यह सामने आया कि विस्फोटकों से लदी कार चला रहे डॉ. उमर नबी ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के मौके पर यहां हमला करने की योजना बनाई थी।

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    दरअसल, सोमवार शाम हुए विस्फोट की जांच में शामिल अधिकारियों, जिसमें 12 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे, ने बताया कि उमर और एक अन्य प्रमुख संदिग्ध डॉ. मुजम्मिल गनई ने 2021 में तुर्की की अपनी यात्रा के दौरान प्रतिबंधित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सक्रिय कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी।

    समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि उमर नबी ने छह दिसंबर को बाबरी ढांचा विध्वंस की बरसी के आसपास एक शक्तिशाली विस्फोट की योजना बनाई थी। गिरफ्तार किए गए आठ लोगों से पूछताछ और उनके परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों से बातचीत के बाद उसकी योजना का ब्योरा मिला है।

    फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले मुजम्मिल अहमद गनी उर्फ मुसैब की गिरफ्तारी से उसकी योजना नाकाम हो गई थी। अधिकारियों ने दावा किया कि गनी के साथ 2021 में तुर्किये की यात्रा ने उमर के अंदर नाटकीय बदलाव और कट्टरता पैदा की थी। यात्रा के बाद उमर ने कथित तौर पर गनी के साथ अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित विस्फोटक इकट्ठा करना शुरू कर दिया और उन्हें अल फलाह परिसर में व उसके आसपास जमा करना शुरू कर दिया था।

    मस्जिद में ली थी शरण

    वह इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों से वाहन-आधारित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस के निर्माण और विस्फोट सर्किट के बारे में जानकारी लेने के बाद उसे असेंबल कर रहा था। कार में विस्फोट से पहले उमर ने चारदीवारी वाली एक मस्जिद में शरण ली थी, जहां वह शाम तक तीन घंटे रुका था और फिर गाड़ी चलाकर निकल गया था।

    पूरे भारत में फैल जाने का दिया गया था निर्देश

    जांच के दौरान सामने आया कि माड्यूल के हैंडलर उमर और डाक्टर माड्यूल के अन्य सदस्यों के संपर्क में थे। उमर और मुजम्मिल के पासपोर्ट से पता चलता है कि उन्होंने 2021 में कुछ टेलीग्राम समूहों में शामिल होने के तुरंत बाद तुर्किये की यात्रा की थी। उन्होंने बताया कि एक हैंडलर ने डाक्टर माड्यूल को तुर्किये यात्रा के बाद चुने गए लक्षित स्थानों के साथ पूरे भारत में फैलने का निर्देश दिया था। जांचकर्ताओं ने दो टेलीग्राम समूहों के जरिये एक डाक्टर माड्यूल को कट्टरपंथी बनाने का पता लगाया है। इन टेलीग्राम समूहों में पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के उमर बिन खत्ताब द्वारा संचालित एक समूह शामिल है।

    फोरेंसिक जांच में खुलेगा राज

    धमाके वाली क्षतिग्रस्त कार के सभी पार्ट्स को मंगलवार देर रात ट्रक में डालकर जांच के लिए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब में ले जाया गया। वहां एफएसएल, सीबीआइ और एनआइए की फोरेंसिक टीमें कार से नमूने उठाकर जांच कर रही हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि धमाके के बाद वाहनों में लगी आग को बुझाने के लिए अग्निशमन कर्मियों को पानी का इस्तेमाल करना पड़ा। इससे विस्फोटक में इस्तेमाल केमिकल धुल गए। इसी कारण तीन दिन बाद भी विस्फोटक के बारे में निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सका है।

    धमाके में क्षतिग्रस्त अन्य सभी वाहनों के अलावा आसपास की जमीन व अन्य जगहों से नमूने उठाने और जांच करने का काम किया जा रहा है। मौके से करीब 200 से अधिक नमूने उठाए गए हैं जिनकी लैब में जांच की जा रही है। मौके पर भी फोरेंसिक वैन में नमूने की जांच की जा रही है।

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