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    भ्रष्टाचार रोकने की पहल… सीए की जगह कैग करेगा डीएमएफ राशि का आडिट

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 07:35 PM (IST)

    भोपाल: डिस्ट्रिक्ट मिनरल फउंडेशन (डीएमएफ) फंड में भ्रष्टाचार रोकने के लिए अब सीए की जगह कैग से ऑडिट होगा। भारत सरकार ने यह फैसला डीएमएफ की राशि में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद लिया है। राशि का उपयोग जिले के बाहर नहीं होगा, केवल 15-25 किमी के दायरे में ही विकास कार्य होंगे। राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगेगी। वर्तमान में डीएमएफ के खाते में 7,949 करोड़ रुपये जमा हैं, जिनसे 17 हजार प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

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    डीएमएफ फंड का ऑडिट अब कैग करेगा

    राज्य ब्यूरो,भोपाल। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फउंडेशन (डीएमएफ) के फंड में भ्रष्टाचार न हो इसलिए अब सीए की जगह, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से डीएमएफ का आडिट कराया जाएगा।दरअसल, डीएमएफ की राशि में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती रही है।

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    अनूपपुर में कृषि विभाग के उप संचालक के विरुद्ध डीएमएफ की राशि में दो करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच ईओडब्ल्यू कर रहा है। इस तरह बार-बार की शिकायतों के चलते अब भारत सरकार ने यह व्यवस्था बनाई है। इससे राशि के उपयोग में पारदर्शिता आएगी। राशि का कहां और कितना उपयोग किया गया है, यह स्पष्ट होगा।

    डीएमएफ फंड का ऑडिट अब कैग करेगा

    इसके अलावा डीएमएफ की राशि का उपयोग अब जिले के बाहर नहीं किया जा सकेगा। जिले के अंदर भी केवल खदान से 15 किमी की सीमा में आने वाले अनिवार्य कार्य जैसे पेयजल, शिक्षा के कार्य कराए जा सकेंगे। 25 किमी के अंदर अन्य अधोसंरचना से जुड़े विकास कार्य ही किए जा सकेंगे। खदान से 25 किमी के दायरे के बाहर निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा।

    इससे राजनीतिक कार्यक्रमों जैसे आयोजन पर डीएमएफ की राशि के उपयोग पर पूरी तरह से बंद हो जाएगा। बता दें, डीएमएफ योजना का उद्देश्य खनन प्रभावित जिलों में रहने वाले लोगों के कल्याण और विकास के लिए धन उपलब्ध कराना है। दरअसल, भारत सरकार ने जनवरी 2024 में डीएमएफ की गाइडलाइन जारी की थी, लेकिन राज्यों ने इसमें कई विसंगतियां गिनाते हुए गाइडलाइन संशोधन के सुझाव दिए हैं।

    भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार का फैसला

    ऐसे में भारत सरकार ने एक सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है, जो राज्यों के सुझावों के आधार पर गाइडलाइन संशोधित कर दोबारा जारी करेगी। राज्यों ने यह भी सुझाव दिया है कि जिन जिलों में डीएमएफ राशि अधिक एकत्र होती है, वहां की राशि का अन्य जिलों में उपयोग करने का प्रविधान किया जाना चाहिए। मध्य प्रदेश में सिंगरौली जिले में 800 करोड़ रुपये की राशि एकत्र होती है। भारत सरकार ने स्टेट फंड पहले ही समाप्त कर दिया गया है और प्रभारी मंत्री की जगह कलेक्टर को डीएमएफ का अध्यक्ष बनाया है।

    डीएमएफ के खाते में है 7,949 करोड़ रुपये

    वर्ष 2015-2016 में डीएमएफ फंड की शुरूआत हुई थी। डीएमएफ के खाते में वर्तमान में 7,949 करोड़ रुपये की राशि जमा है। इस राशि से 17 हजार प्राेजेक्ट में विकास कार्य कराए जा रहे हैं। उच्च प्राथमिकता के पेयजल के 4200 प्रोजेक्ट, पर्यावरण संरक्षण के 1127, स्वास्थ्य सेवा के 738, शिक्षा में 2578, महिला कल्याण के 923, स्किल डेवलपमेंट के 1632 सहित अन्य प्रोजेक्ट है। इसी तरह अन्य प्राथमिकता के कार्यों में अधोसंरचना के 3800, सिंचाई 322, ऊर्जा के 824 सहित अन्य प्रोजेक्ट के विकास कार्य किए जा रहे हैं।