'अपने अनुभवों को डॉक्यूमेंटेड करें', बुलेट ट्रेन परियोजना के इंजीनियरों से बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलेट ट्रेन परियोजना के इंजीनियरों से अपने अनुभवों को लिखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेजीकरण भविष्य की परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा और ज्ञान को संरक्षित करने में मदद करेगा। पीएम मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को साकार करने में इस परियोजना के महत्व पर जोर दिया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (X-@bjp4India)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम कर रहे इंजीनियरों से अपने अनुभवों का डॉक्यूमेंटेड करने को कहा है, जो दूसरी इसी तरह की परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें एग्जिक्यूट करने में उपयोगी साबित होगा।
पीएम मोदी शनिवार को सूरत में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे परियोजना के इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों के साथ बातचीत कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि परियोजना से प्राप्त अनुभवों को 'ब्लू बुक' की तरह दर्ज और संकलित किया जाए, तो देश बुलेट ट्रेनों के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन की दिशा में निर्णायक रूप से आगे बढ़ सकता है।
भारत को बार-बार प्रयोग करने से बचना चाहिए- पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि भारत को बार-बार प्रयोग करने से बचना चाहिए और इसके बजाय मौजूदा मॉडलों से सीख को दोहराना चाहिए। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दोहराव तभी सार्थक होगा जब यह स्पष्ट समझ हो कि कुछ कदम क्यों उठाए गए।
अन्यथा, उन्होंने आगाह किया, दोहराव बिना किसी उद्देश्य या दिशा के हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह के रिकॉर्ड रखने से भविष्य के छात्रों को लाभ हो सकता है और राष्ट्र निर्माण में योगदान मिल सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम अपना जीवन यहीं समर्पित करेंगे और देश के लिए कुछ मूल्यवान छोड़ जाएंगे।" मोदी ने परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी ली, जिसमें गति और समय-सारिणी के लक्ष्यों का पालन भी शामिल था।
परियोजना बिना सुचारू रूप से आगे बढ़ रही
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि श्रमिकों ने उन्हें आश्वासन दिया कि परियोजना बिना किसी कठिनाई के सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है।
केरल की एक इंजीनियर ने गुजरात के नवसारी स्थित नॉइज बैरियर फैक्टरी में काम करने का अपना अनुभव साझा किया, जहां रीबार केज वेल्डिंग के लिए रोबोटिक यूनिट तैनात की जा रही हैं।
पीएम मोदी ने इंजीनियरों से पूछे उनके अनुभव
पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन बनाने के अनुभव को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कैसे महसूस किया और इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में वे अपने परिवारों के साथ क्या साझा करती हैं। उन्होंने देश की पहली बुलेट ट्रेन में योगदान देने पर गर्व व्यक्त किया और इसे अपने परिवार के लिए एक 'ड्रीम प्रोजेक्ट' और 'गर्व का क्षण' बताया।
राष्ट्र सेवा की भावना पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जब राष्ट्र के लिए काम करने और कुछ नया योगदान देने की भावना जागृत होती है, तो यह अत्यधिक प्रेरणा का स्रोत बन जाती है। उन्होंने भारत की अंतरिक्ष यात्रा के साथ इसकी तुलना करते हुए याद किया कि देश का पहला उपग्रह प्रक्षेपित करने वाले वैज्ञानिकों को कैसा लगा होगा और आज सैकड़ों उपग्रह कैसे प्रक्षेपित किए जा रहे हैं।
टीम फायदे और नुकसान का मूल्यांकन करती है- श्रुति
बेंगलुरू की एक अन्य कर्मचारी, श्रुति, जो मुख्य इंजीनियरिंग प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं, उन्होंने कठोर डिजाइन और इंजीनियरिंग नियंत्रण प्रक्रियाओं के बारे में बताया।
बयान में कहा गया है कि उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कार्यान्वयन के प्रत्येक चरण में, उनकी टीम फायदे और नुकसान का मूल्यांकन करती है, समाधानों की पहचान करती है और त्रुटिरहित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए विकल्पों की खोज करती है।
508 किलोमीटर लंबी है परियोजना
एमएएचएसआर परियोजना लगभग 508 किलोमीटर लंबी है, जिसमें गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली में 352 किलोमीटर और महाराष्ट्र में 156 किलोमीटर शामिल हैं। यह कॉरिडोर साबरमती, अहमदाबाद, आणंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलिमोरा, वापी, बोईसर, विरार, ठाणे और मुंबई सहित प्रमुख शहरों को जोड़ेगा, जो भारत के परिवहन बुनियादी ढांचे में एक परिवर्तनकारी कदम है।
25 में से 17 पुलों का निर्माण पूरा
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उन्नत इंजीनियरिंग तकनीकों से निर्मित इस परियोजना में 465 किलोमीटर (मार्ग का लगभग 85 प्रतिशत) पुलों पर आधारित है, जिससे न्यूनतम भूमि व्यवधान और बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होती है। बयान में कहा गया है कि अब तक 326 किलोमीटर पुलों का काम पूरा हो चुका है और 25 में से 17 नदी पुलों का निर्माण हो चुका है।
पूरा होने पर, बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा के समय को लगभग दो घंटे तक कम कर देगी, जिससे यात्रा तेज, आसान और अधिक आरामदायक होकर क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। इस परियोजना से पूरे कॉरिडोर पर व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने और क्षेत्रीय विकास को गति मिलने की उम्मीद है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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