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    माइक वाल्ट्ज होंगे अमेरिका के नए NSA, खालिस्तान समर्थक और पाकिस्तान पर क्या सोचते हैं? भारत से खास नाता

    Updated: Tue, 12 Nov 2024 08:08 PM (IST)

    माइक वाल्ट्ज अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होंगे। वे इंडिया काकस के प्रमुख हैं। वाल्ट्ज चीन के खिलाफ कड़ी नीति अपनाने के मुखर समर्थक हैं। पिछले साल भारत भी आ चुके हैं। माइक वाल्ट्ज पाकिस्तान में आतंकवाद पर भी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। इस बीच खबर यह भी है कि मार्को रूबियो को ट्रंप विदेश मंत्री बना सकते हैं।

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    माइक वाल्ट्ज होंगे अमेरिका के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार। ( फोटो- एएनआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंडिया काकस के प्रमुख कांग्रेसमैन माइक वाल्ट्ज को अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बनाने का फैसला किया है। वाल्ट्ज ना सिर्फ ट्रंप के कट्टर समर्थकों में से एक हैं, बल्कि चीन के खिलाफ अमेरिका को और ज्यादा आक्रामक नीतियां बनाने के अलावा भारत के साथ अमेरिकी रिश्तों को ज्यादा से ज्यादा प्रगाढ़ बनाने के पैरवीकार रहे हैं। इंडिया काकस अमेरिकी सांसदों का एक समूह है जो भारत व अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने की पैरवी करता है।

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    भारत आ चुके हैं वाल्ट्ज

    अगस्त, 2023 में वाल्ट्ज व इंडिया काकस के सह-प्रमुख रो खन्ना की अगुवाई में अमेरिकी सांसदों का एक दल भारत के दौरे पर आया था। इन्होंने स्वतंत्रता दिवस परेड में भी हिस्सा लिया था और पीएम नरेन्द्र मोदी से भी अलग से मुलाकात की थी। वाल्ट्ज के एनएसए बनने की सूचना कुछ अमेरिकी मीडिया के हवाले से आई है। खबर लिखे जाने तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने वाल्ट्ज को उनके एनएसए बनने पर बधाई संदेश भी दे दिया है।

    मार्को रूबियो बन सकते विदेश मंत्री

    इंटरनेट मीडिया साइट एक्स पर संधू ने लिखा है कि, “वाल्ट्ज काफी जानकार इंसान हैं और एक बेहतरीन पसंद हैं। वह भारत के अच्छे मित्र भी हैं।'' बतौर भारतीय राजदूत संधू की कई बार वाल्ट्ज मुलाकात हुई है। अप्रैल, 2023 में संधू ने इंडिया काकस के सदस्यों को भारतीय दूतावास में आमंत्रित किया था। अमेरिकी मीडिया के हवाले से यह सूचना भी आ रही है कि मार्को रूबियो को राष्ट्रपति ट्रंप अपना नया विदेश मंत्री बना सकते हैं।

    भारत के बारे में क्या सोचते हैं वाल्ट्ज

    ट्रंप पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि उनके पहले कार्यकाल के विदेश सचिव माइक पोंपियो को अब नई कैबिनेट में जगह नहीं मिलेगी। देश के प्रमुख रणनीतिकार ब्रह्मा चेलानी ने एक्स पर लिखा है कि, “ट्रंप एक मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा टीम बना रहे हैं। उनके संभावित विदेश मंत्री रूबियो ने यूक्रेन युद्ध पर कहा था कि, इस युद्ध को एक निश्चित अंत पर पहुंचाना जरूरी है। जबकि अगले एनएसए वाल्ट्ज ने भारत के साथ रिश्तों के बारे में कहा था कि 21वीं सदी में भारत अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण साझेदार होगा।''

    पाक आतंकवादियों पर चिंतित हैं वाल्ट्ज

    वाल्ट्ज ने पिछले वर्ष अपने भारत दौरे पर एक मीडिया हाउस को दिए गए साक्षात्कार में कहा था कि वह पाकिस्तान में पलने वाले आतंकी संगठनों को लेकर चिंतित है और इस चिंता को उन्होंने कई बार पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के समक्ष उठाया है। पाक सरकार और वहां की सेना पर वह दबाव बनाना जारी रखेंगे ताकि आतंकवाद को वह राष्ट्रीय नीति का हिस्सा नहीं बनाए।

    खालिस्तान समर्थकों पर कैसा है रुख?

    इसी तरह से अमेरिका में खालिस्तान समर्थक संगठनों को लेकर उन्होंने कहा था कि उनकी तरफ से होने वाली हिंसा निंदनीय है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। अमेरिका में इस तरह की घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। यह जवाब उन्होंने अमेरिका के कुछ शहरों में भारतीय कंसुलेट के सामने खालिस्तान समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के संदर्भ में पूछे गये सवाल में दिया था।

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