E-20 पेट्रोल से वाहनों को नुकसान की आशंकाओं को सरकार ने किया खारिज, जानें किसानों को क्या होगा फायदा
पेट्रोलियम मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि E-20 से वाहनों को कोई नुकसान नहीं होगा। मंत्रालय ने कहा कि यह योजना किसानों की आय बढ़ाने पर्यावरण की सुरक्षा करने और सरकारी खजाने को मजबूत करने में सहायक है। माइलेज में कमी की आशंका को खारिज करते हुए मंत्रालय ने कहा कि मामूली असर को ड्राइविंग आदतों से ठीक किया जा सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार की तरफ से बार-बार सफाई देने के बावजूद 20 फीसद इथनोल मिश्रित पेट्रोल (E-20) से वाहनों को नुकसान पहुंचने का मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।
ऐसे में हफ्ते में दूसरी बार पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दूसरी बार ना सिर्फ ई-20 से वाहनों को नुकसान पहुंचने की बात को खारिज किया है बल्कि विस्तार से यह भी बताया है कि कैसे सरकार की यह योजना किसानों की आय बढ़ा रही है, पर्यावरण की सुरक्षा कर रही है और सरकारी खजाने को मजबूत कर रही है।
क्या E20 से माइलेज होगा प्रभावित?
मंत्रालय का कहना है कि एथनोल मिश्रित पेट्रोल वर्ष 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने की राह में एक अहम कड़ी है। इसके साथ ही ई-20 ईंधन को समाप्त करने की संभावना को भी खारिज किया है और यह आश्वासन दिया है कि 20 फीसद से ज्यादा एथनोल मिलाने पर व्यापक विमर्श के बाद फैसला किया जाएगा।
मंत्रालय ने एथनोल के असर से वाहनों के माइलेज में कमी आने की आशंकाओं को खारिज दिया है और कहा है कि माइलेज पर प्रभाव यदि होता है तो वह बहुत ही मामूली है और यह ड्राइविंग की आदतों, वाहन के रखरखाव, टायर प्रेशर आदि से ठीक किया जा सकता है।
इस क्रम में आइओसी, एआरएआई और सियाम की रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हुई है कि ई-20 ईंधन अधिकांश वाहनों के लिए सुरक्षित है। पुराने वाहनों में कुछ रबर पार्ट्स और गास्केट को बदलने की आवश्यकता हो सकती है, जो सस्ता और नियमित सर्विसिंग के दौरान आसानी से संभव है।
ब्राजील में उपयोग हो रहा E-27 पेट्रोल
ब्राजील में E-27 का सफल उपयोग इसकी विश्वसनीयता को दर्शाता है, जहां टोयोटा, होंडा जैसी वाहन कंपनियां अपनी गाडि़यां बेच रही हैं। मंत्रालय ने इस आरोप को भी खारिज किया है कि ई-20 के उपयोग से वाहनों की बीमा की वैधता पर कोई असर होता है।
सरकार ने इस बारे में बीमा कंपनियों से बात की है और उन्होंने इसे गलत सूचना करार दिया है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा है कि वह कोई भी निर्णय वाहन निर्माताओं, अनुसंधान एजेंसियों और अन्य पक्षों के साथ व्यापक परामर्श के बाद लिया जाएगा।
किसानों को होगा फायदा
अंतर-मंत्रालीय समिति की सिफारिशें इस दिशा में मार्गदर्शन करेंगी। पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि जब से एथनोल मिश्रण कार्यक्रम ने किसानों को अन्नदाता के साथ साथ ऊर्जादाता भी बना दिया है।
वर्ष 2014-15 से जुलाई 2025 तक इस कार्यक्रम ने 1,44,087 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत करवाई है और इसकी वजह से 2.45 करोड़ टन कच्चे तेल की खपत करने से देश बचा है। वर्ष 2025-26 में ई-20 बिक्री की वजह से किसानों को 40,000 करोड़ रुपये का भुगतान और 43,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचत होने की उम्मीद है।
कब होगा लागू?
इस कार्यक्रम ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। गन्ना किसानों का बकाया समाप्त हुआ है और मक्का खेती करने आज फायदे का सौदा हो गया है। सनद रहे कि शुरुआत में सरकार ने पेट्रोल में 10 फीसद एथनोल मिश्रित पेट्रोल बेचने की योजना लांच की थी। अब 20 फीसद एथनोल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री की जा रही है। पूरे देश में इसे अक्टूबर, 2026 तक लागू करने की तैयारी है।
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