E20 पेट्रोल से फर्राटेदार चलेगी गाड़ियां, कैसे इससे किसानों की भी बढ़ रही आय? सरकार ने गिनाएं फायदे
केंद्र सरकार ने 20% एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) को प्रदूषण कम करने किसानों की आय बढ़ाने और तेल पर निर्भरता घटाने के लिए जरूरी बताया है। सरकार का कहना है कि E20 पेट्रोल से गाड़ी की पिकअप बेहतर होती है। माइलेज में कमी की शिकायतों पर सरकार ने कहा कि इसका अनुमान पहले ही लगाया गया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 20% एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि यह कदम प्रदूषण घटाने, किसानों की आय बढ़ाने और विदेशी तेल पर निर्भरता कम करने के लिए जरूरी है।
पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय ने कहा कि E20 पेट्रोल से गाड़ी की पिकअप और राइड क्वालिटी भी बेहतर होती है। माइलेज को लेकर उठे सवालों पर मंत्रालय ने कहा कि 2020 में ही इस असर का अनुमान लगा लिया गया था।
किन-किन कारणों से बदलता है माइलेज?
साथ ही बताया कि माइलेज कई अन्य कारणों से भी बदलता है, जैसे ड्राइविंग का तरीका, गाड़ी की सर्विसिंग, टायर का प्रेशर और एसी का इस्तेमाल। बता दें, कई गाड़ी मालिकों ने शिकायत की है कि E20 पेट्रोल से माइलेज कम हुआ है और पुराने इंजनों में पार्ट्स खराब हो रहे हैं।
इस पर सरकार का कहना है कि ज्यादातर मामलों में असर मामूली है और कई वाहन 2009 से ही E20 के अनुकूल बनाए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम भारत के 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य को पाने में मदद करेगा।
सरकार ने क्या दावा किया?
नीति आयोग के एक अध्ययन के मुताबिक, गन्ने से बने एथनॉल से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 65% और मक्के से बने एथनॉल से 50% कम होता है। सरकार का दावा है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को इससे बड़ा फायदा हुआ है। किसानों की आय बढ़ी है, जिससे आत्महत्या के मामलों में कमी आई है।
11 सालों में E20 पेट्रोल से क्या-क्या हुआ फायदा?
- 1,44.087 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा की बचत
- 245 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात घटा
- 736 लाख मीट्रिक टन कार्बनडाइओक्साइड उत्सर्जन में कमी
- 2025 में किसानों को 40 हजार करोड़ रुपये का भुगतान
- 2025 में 43 हजार करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा की बचत
ब्राजील में E27 का हो रहा इस्तेमाल
सरकार का कहना है कि E20 का ऑक्टेन नंबर (108.5) पेट्रोल (84.4) से ज्यादा है, जिससे गाड़ियों में बेहतर पिकअप और वॉल्यूमेट्रिक एफिशिएंसी मिलती है। खासकर शहरों में ड्राइविंग के लिए यह फायदेमंद है।
ब्राजील का उदाहरण देते हुए सरकार ने कहा कि वहां 27% एथनॉल वाला फ्यूल (E27) कई सालों से बिना किसी दिक्कत के इस्तेमाल हो रहा है और वही कंपनियां वहां भी गाड़ियां बेचती हैं जो भारत में हैं।
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