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    पूर्व CJI रमना का बड़ा आरोप, कहा- 'मुझे मजबूर करने लिए मेरे स्वजन के विरुद्ध दर्ज किए गए केस'

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 07:54 PM (IST)

    पूर्व प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि उन्हें मजबूर करने के लिए उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधा। जस्टिस रमना ने अमरावती के किसानों के जज्बे को सलाम किया, जिन्होंने सरकारी तंत्र का बहादुरी से सामना किया। उन्होंने तीन राजधानियों के फार्मूले का विरोध करने वाले किसानों का भी जिक्र किया।

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    पूर्व CJI रमना का बड़ा आरोप (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार का नाम लिए बिना पूर्व प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा है कि उन्हें ''मजबूर'' करने के लिए उनके परिवार के सदस्यों के विरुद्ध मामले दर्ज किए गए थे।

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    उन्होंने कहा कि संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने वाले न्यायपालिका के सदस्यों को भी दबाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। जजों के जिन परिवारों की कोई भूमिका नहीं थी, वे राजनीतिक संगठनों का शिकार बन गए।

    जस्टिस रमना ने किसान आंदोलन का किया जिक्र

    वीआइटी-एपी यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस रमना ने शनिवार को कहा, ''आप सभी जो यहां मौजूद हैं, अधिकतर लोग जानते हैं कि मेरे परिवार को कैसे निशाना बनाया गया और उनके विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज किए गए। यह सब सिर्फ मुझे मजबूर करने के लिए किया गया था और मैं अकेला नहीं था। उस मुश्किल दौर में किसानों के मुद्दे से सहानुभूति रखने वाले सभी लोगों को डराया-धमकाया गया और मजबूर किया गया।''

    जस्टिस रमना तत्कालीन वाईएस जगन मोहन रेड्डी की सरकार के विरुद्ध किसानों के आंदोलन का जिक्र कर रहे थे, जिसमें अमरावती को आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी के रूप में खत्म करके ''तीन राजधानियों'' के फार्मूले के तहत विशाखापत्तनम को प्रशासनिक राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी के रूप में अपनाने का विरोध किया गया था।

    जस्टिस रमना ने आगे कहा कि ऐसे समय में जब कई राजनीतिक दलों के नेता कोई रुख अपनाने में हिचकिचा रहे थे या खामोश रहे, इस देश के न्यायविद, वकील और अदालतें अपने संवैधानिक वादे पर कायम रहीं। उन्होंने कहा कि सरकारें बदल सकती हैं, लेकिन अदालतें एवं कानून का शासन स्थिरता का आधार बने रहते हैं। कानून का शासन तभी कायम रहता है, जब लोग अपना विश्वास बनाए रखते हैं और अपनी सुविधा के हिसाब से अपनी ईमानदारी से समझौता करने से इन्कार कर देते हैं।

    फिर शुरू हुआ अमरावती राजधानी परियोजना

    पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने अमरावती से अपने जुड़ाव को याद करते हुए कहा, ''मैं अमरावती के किसानों के जज्बे को सलाम करता हूं, जिन्होंने सरकारी तंत्र की ताकत का बहादुरी से सामना किया। मुझे किसानों के संघर्ष से बहुत प्रेरणा मिलती है। मैं उन्हें न्यायिक प्रणाली और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भरोसा रखने के लिए धन्यवाद भी देता हूं।'' गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद अमरावती राजधानी परियोजना को फिर से शुरू किया गया है और अब काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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