भारत-अमेरिका व्यापारिक तनाव का दिखने लगा असर? पहले पखवाड़े में FPI ने 21 हजार करोड़ निकाले
अगस्त के पहले पखवाड़े में भारत-अमेरिका के व्यापारिक तनाव और रुपये में कमजोरी के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयरों से 20975 करोड़ रुपये की निकासी की है। विश्लेषकों के अनुसार टैरिफ से जुड़ी कार्यवाहियां एफपीआइ की गतिविधियों को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि एसएंडपी द्वारा भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार एफपीआई के मनोबल को बढ़ा सकता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव, पहली तिमाही में कॉरपोरेट के कमजोर नतीजे और रुपये में कमजोरी के कारण अगस्त के पहले पखवाड़े में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जमकर निकासी की है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के डाटा के अनुसार, 1-15 अगस्त के बीच एफपीआई भारतीय शेयरों से 20,975 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। इसके साथ कैलेंडर वर्ष 2025 में एफपीआई की शेयरों से कुल निकासी 1.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
विश्लेषकों का क्या कहना है?
एंजल वन के वरिष्ठ विश्लेषक वकार जावेद खान का कहना है कि आने वाले समय में टैरिफ से जुड़ी कार्यवाहियां एफपीआइ की गतिविधियों को प्रभावित कर सकती हैं। अमेरिका और रूस के बीच तनाव में हालिया कमी और नए प्रतिबंधों की अनुपस्थिति यह संकेत देती है कि भारत पर प्रस्तावित 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त के बाद लागू होने की संभावना नहीं है। यह बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इसके अलावा, अमेरिका की रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने 18 वर्ष बाद भारत की क्रेडिट रेटिंग को बीबीबी(-) से अपग्रेड करके बीबीबी किया है। यह एफपीआई के मनोबल को और बढ़ा सकता है। इससे पहले जुलाई में एफपीआई ने शेयरों से 17,741 करोड़ रुपये की निकासी की थी। इस वर्ष अप्रैल से जून के दौरान तीन महीनों में एफपीआई ने शेयरों में 38,673 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्ताव का कहना है कि एफपीआई की सतत निकासी मुख्य रूप से वैश्विक अनिश्चितता के कारण हो रही है। बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका समेत तमाम विकसित अर्थव्यवस्थाओं में ब्याज दरों को लेकर अस्पष्टता ने जोखिम आधारित भावना को बढ़ावा दिया है।
सकारात्मक रहा एफपीआई का निवेश
डेट बाजारों में सकारात्मक निवेश शेयरों से इतर, डेट या बॉन्ड बाजारों में पहले पखवाड़े के दौरान एफपीआई का निवेश सकारात्मक रहा है। डिपॉजिटरी के डाटा के अनुसार, 1-15 अगस्त के दौरान एफपीआई सामान्य सीमा वाले डेट में 4,469 करोड़ रुपये, स्वैच्छिक रिटेंशन रूट वाले डेट में 232 करोड़ रुपये और फुली एक्सेसेबल रूट (एफएआर) वाले डेट में 3,127 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। सरकारी बॉन्ड या सावरेन ग्रीन बांड एफएआर डेट के दायरे में आते हैं। इस श्रेणी के डेट में पूरे कैलेंडर वर्ष में एफपीआई निवेश 37,787 करोड़ रुपये हो गया है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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