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    Delhi Blast: 'संवेदनशील और भड़काऊ कंटेंट टेलीकास्ट न करें', केंद्र सरकार की टीवी चैनल्स को चेतावनी

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 11:24 PM (IST)

    सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों को गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले दृश्यों के प्रसारण के खिलाफ एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने पाया कि कुछ चैनल लाल किला विस्फोट में शामिल लोगों का महिमामंडन कर रहे हैं और विस्फोटक बनाने की जानकारी दे रहे हैं, जिससे हिंसा भड़क सकती है। चैनलों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

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    गैरकानूनी गतिविधियों के प्रसारण पर रोक

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय सरकार ने मंगलवार को सभी निजी उपग्रह टेलीविजन चैनलों को दिल्ली के लाल किले पर हुए हमले से संबंधित समाचार प्रसारित करते समय संयम बरतने की सलाह दी है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अपनी सलाह में कहा है कि उसे यह जानकारी मिली है कि कुछ समाचार चैनल लाल किले के विस्फोट में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के बारे में ऐसे सामग्री का प्रसारण कर रहे हैं जो उनके हिंसक कृत्यों को बढ़ावा देते हैं।

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    राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा 

    साथ ही विस्फोटक सामग्री बनाने के तरीकों की जानकारी देने वाले वीडियो भी प्रसारित कर रहे हैं।केंद्र सरकार की सलाह में यह भी उल्लेख किया गया कि ऐसे प्रसारण अनजाने में हिंसा को प्रोत्साहित या भड़काने, सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

    संवेदनशीलता बरतने की सलाह

    सभी टेलीविजन चैनलों को इस प्रकार के मामलों की रिपोर्टिंग करते समय उच्चतम स्तर की विवेकशीलता और संवेदनशीलता बरतने की सलाह दी गई है। इसमें उल्लेख किया गया है, ''प्रसारकों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (नियमन) अधिनियम, 1995 के तहत कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना चाहिए। ऐसे प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं, विशेष रूप से नियम 6(1)(डी), 6(1)(ई) और 6(1)(एच)।''

    प्रचार सामग्री की निगरानी करना महत्वपूर्ण

    फरीदाबाद में जैश-ए-मोहम्मद के मॉड्यूल द्वारा किए गए दिल्ली लाल किला विस्फोट के बाद खुफिया एजेंसियां आनलाइन प्रचार सामग्री पर नजर रख रही हैं। विभिन्न सुरक्षा समीक्षा बैठकों के दौरान शीर्ष अधिकारियों ने सुझाव दिया कि समाचार प्रवाह और ऑनलाइन प्रसारित हो रही प्रचार सामग्री की निगरानी करना महत्वपूर्ण है।

    पाकिस्तान स्थित कई इंटरनेट मीडिया अकाउंट भारतीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के इरादे से आनलाइन फर्जी समाचार फैला रहे हैं। वे टेलीविजन चैनलों से क्लिप्स का चयनात्मक उपयोग करके फर्जी नारेटिव प्रस्तुत करते हैं।

    पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ देशभर में एक विशाल भर्ती अभियान चलाने और फरीदाबाद में मौजूद माड्यूल के समान माड्यूल स्थापित करने की साजिश रच रही है। दिल्ली विस्फोटों की जांच जारी है और यह सुनिश्चित किया गया है कि यह जैश-ए-मोहम्मद का फरीदाबाद माड्यूल था जिसने उस आतंकी हमले को अंजाम दिया।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)