बांग्लादेश के लिए भारत ने बनाया खास प्लान, अजीत डोभाल और खलीलुर रहमान के बीच क्या बातचीत हुई?
भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की नई दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक हुई। बांग्लादेश के एनएसए डॉ. खलीलुर रहमान ने अजीत डोभाल से मुलाकात की और उन्हें ढाका आने का न्योता दिया। दोनों देशों ने सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया और क्षेत्रीय स्थिरता पर चर्चा की। यह बैठक तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की दिशा में एक प्रयास है।

एनएसए अजीत डोभाल और खलीलुर रहमान। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते तनाव के बीच आज यहां दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बांग्लादेश के एनएसए डॉ. खलीलुर रहमान ने भारत के एनएसए अजीत डोभाल से लंबी मुलाकात की।
यह मुलाकात पूर्व पीएम शेख हसीना को बांग्लादेश में गठित विशेष न्यायायिक आयोग ककी तरफ से मौत की सजा दिए जाने के दो दिनों बाद हुई है। बताया गया है कि बैठक का माहौल काफी अच्छा था जिसमें द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। रहमान ने डोभाल को ढाका यात्रा का न्योता दिया।
बैठक में किस बात पर दिया गया जोर
यह बैठक गुरुवार (20 नवंबर) को होने वाली कोलंबो सिक्योरिटी कनक्लेव (सीएससी) की 7वीं बैठक से ठीक पहले आयोजित की गई। डोभाल व रहमान के बीच इस बैठक में दोनों देशों की तरफ से सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। बैठक में दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय स्थिरता, सीमा सुरक्षा और उभरते राजनीतिक बदलावों पर विचार-विमर्श किया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह उच्च स्तरीय संवाद हाल के तनावों के बीच संबंधों को पटरी पर लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। रहमान कल सीएससी बैठक में भाग लेंगे, जहां मालदीव, मॉरीशस और श्रीलंका के एनएसए भी शामिल होंगे।
भारत के लिए क्या है चिंता का कारण?
भारत-बांग्लादेश संबंध पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से लगातार तनावग्रस्त बने हुए हैं। अगस्त, 2024 में पूर्व पीएम हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद से ही दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध अच्छे नहीं है। खास तौर पर जिस तरह से बांग्लादेश पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, वह भारत के लिए चिंता का कारण है।
हसीना अभी भारत में ही प्रवास कर रही हैं। प्रोफेसर मोहम्मद युनूस की तरफ से गठित एक विशेष अदालत ने हाल ही में मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए पूर्व पीएम हसीना को मौत की सजा सुनाई है। इसके बाद बांग्लादेश सरकार ने भारत से हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग की है।

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