पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अब नहीं मिलेगा सपोर्ट, सीमा पार आतंकवाद पर भारत-ब्रिटेन सहयोग बढ़ाएंगे
शीत युद्ध के काल में भारत के हितों के बजाये ब्रिटिश सरकार ने हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया। पीएम नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीयर स्टार्मर ने गुरुवार को द्विपक्षीय संबंधों के अगले दस वर्षों का रोडमैप विजन डाक्यूमेंट-2035 जारी किया है जो बताता है कि सिर्फ कारोबारी दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी भारत ब्रिटेन के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्ष 1947 में आजादी के बाद कई दशकों तक ब्रिटेन कूटनीतिक व रणनीतिक तौर पर पाकिस्तान के करीब रहा। शीत युद्ध के काल में भारत के हितों के बजाये ब्रिटिश सरकार ने हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया।
रोडमैप विजन डाक्यूमेंट-2035 जारी किया
पीएम नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीयर स्टार्मर ने गुरुवार को द्विपक्षीय संबंधों के अगले दस वर्षों का रोडमैप विजन डाक्यूमेंट-2035 जारी किया है जो बताता है कि सिर्फ कारोबारी दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी भारत ब्रिटेन के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है।
आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की गई
ब्रिटेन सरकार ने हर तरह के आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए भारत के साथ सहयोग करने की बात कही है। साथ ही आतंकवादियों और उन्हें प्रश्रय देने वालों के खिलाफ भारत के साथ सूचना साझा करने व उन पर लगाम लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर काम करने की बात कही है।
वरिष्ठ अधिकारियों मजबूत बनाने का भी रोडमैप
विजन डाक्यूमेंट-2035 में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने का भी रोडमैप है। इसमें अगले दस वर्षों के लिए रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को प्रगाढ़ करने की बात है।
रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में सहयोग सही दिशा में आगे बढ़ा रहा है या नहीं, इसकी निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों मजबूत बनाने का भी रोडमैप है। इसमें अगले दस वर्षों के लिए रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को प्रगाढ़ करने की बात है।
हिंद प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत होगा
रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में सहयोग सही दिशा में आगे बढ़ा रहा है या नहीं, इसकी निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से निगरानी करने की व्यवस्था की जा रही है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत बनाया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि ब्रिटिश सेना के लिए हिंद महासागर में भारत एक क्षेत्रीय हब के तौर पर काम करेगा।
दोनों देशों ने हर तरह के आतंकवाद की निंदा की
इस प्रपत्र में दोनों देशों ने हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है और आतंकवाद व कट्टरवाद के खिलाफ आपसी सहयोग बढ़ाने की बात कही है। भारत आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्तावना को कड़ाई से लागू करने की मांग लगातार करता है, जिसका ब्रिटेन ने स्वागत किया है।
दोनों देश सीमा पार आतंकी गतिविधियों के खिलाफ
विजन डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि दोनों देश सीमा पार आतंकी गतिविधियों, आतंकवादियों को वित्तीय समर्थन देने वालों पर रोक लगाने, आतंकवादियों की तरफ से नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर रोक लगाने को लेकर एक दूसरे के साथ सहयोग करने पर तैयार है।
इस बात का भी जिक्र किया गया है कि भारत और ब्रिटेन आतंकवाद से जुड़े हर तरह के खतरे को लेकर रोकने के लिए सूचनाओं को साझा करने, न्यायिक सहयोग बढ़ाने की भी सहमति जताई गई है।
आतंकवादियों, आतंकवादी संगठनों के खिलाफ एक दूसरे का करेंगे सहयोग
साथ ही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की तरफ से नामित आतंकवादियों, आतंकवादी संगठनों और इनको प्रश्रय देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी दोनों देश पहले के मुकाबले अब ज्यादा एक दूसरे का सहयोग करेंगे।
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