धर्मेंद्र प्रधान ने सिंगापुर-भारत हैकथॉन के विजेताओं को किया सम्मानित, कहा- दोनों देशों के पास अपार संभावनाएं
प्रधान ने कहा कि भारत का भविष्य तय करना हमारी प्राथमिकता है। हमें उम्मीद है कि सिंगापुर के अनुभव से लाभ मिलेगा। प्रधान ने कहा कि ज्ञान कौशल और नवाचार के क्षेत्र में न केवल भारत को बल्कि उन देशों को भी लाभ होगा जो नेतृत्व के लिए हमारी ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौशल विकास और ज्ञान सहयोग द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।

गांधीनगर, एजेंसी: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा कि भविष्य में वैश्विक स्तर कार्यबल बनाने को लेकर भारत और सिंगापुर के मिलकर काम करने की अपार संभावनाएं हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलाजिकल यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सिंगापुर-भारत हैकथान के तीसरे संस्करण के समापन पर मंत्री ने कहा कि भारत में एक कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री लारेंस वोंग ने रविवार को गांधीनगर में सिंगापुर-भारत हैकथान के तीसरे संस्करण के विजेताओं को सम्मानित किया। नानयांग टेक्नोलाजिकल यूनिवर्सिटी, एमिटी यूनिवर्सिटी और द्वारकादास कालेज आफ इंजीनियरिंग के छात्रों द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए बनाए गए टूल्स के लिए सिंगापुर-भारत हैकथान के तीसरे संस्करण में शीर्ष छात्र पुरस्कार दिया गया।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (आइआइटीजी) में आयोजित कार्यक्रम में विजेता टीमों को पुरस्कार वितरित करने के बाद अपने संबोधन में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत का भविष्य तय करना हमारी प्राथमिकता है।
हमें उम्मीद है कि सिंगापुर के अनुभव से लाभ मिलेगा। प्रधान ने कहा कि ज्ञान, कौशल और नवाचार के क्षेत्र में न केवल भारत को बल्कि उन देशों को भी लाभ होगा, जो नेतृत्व के लिए हमारी ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौशल विकास और ज्ञान सहयोग द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।
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