वन क्षेत्र के मामले में विश्व स्तर पर नौवें स्थान पर पहुंचा भारत, एफएओ ने जारी किया रिपोर्ट
भारत ने वैश्विक वन क्षेत्र में नौवां स्थान प्राप्त किया है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एफएओ की जीएफआरए-2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारत वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में विश्व में तीसरे स्थान पर है। पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने 'एक पेड़ मां के नाम' पहल को सराहा और इसे पौधारोपण के लिए प्रेरणादायक बताया।

कुल वन क्षेत्र के मामले में भारत विश्व स्तर पर नौवें स्थान पर पहुंचा (फाइ फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने विश्व के कुल वन क्षेत्र में नौवें स्थान पर आकर वैश्विक पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इंडोनेशिया के बाली में संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन (जीएफआरए)-2025 रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि दसवें स्थान से नौवें स्थान पर आना सतत वन प्रबंधन और पारिस्थितिक संरक्षण में एक बड़ी उपलब्धि है। यह प्रगति वन संरक्षण, वन्यीकरण और सामुदायिक प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की सफलता रेखांकित करती है। वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में विश्व में भारत का तीसरा स्थान बना हुआ है।
एक पेड़ मां के नाम
पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल - 'एक पेड़ मां के नाम' से पूरे देश को पौधारोपण की प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण अभियानों में बढ़ती जन भागीदारी, विशेष रूप से 'एक पेड़ मां के नाम' पहल के तहत, और राज्य सरकारों द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियानों ने इस प्रगति में योगदान दिया है।
सभी भारतीयों के लिए खुशी
उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ''यह सभी भारतीयों के लिए खुशी का कारण है। हमने पिछले मूल्यांकन में 10वें स्थान की तुलना में वैश्विक स्तर पर वन क्षेत्र के मामले में 9वां स्थान हासिल किया है। हमने वार्षिक लाभ के मामले में भी वैश्विक स्तर पर अपना तीसरा स्थान बनाए रखा है। वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन (जीएफआरए) 2025 को एफएओ द्वारा बाली में जारी किया गया है।''
दुनिया के शीर्ष 10 वन-समृद्ध देशों में शामिल है भारत एफएओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया का कुल वन क्षेत्र 4.14 बिलियन हेक्टेयर है, जो पृथ्वी की 32 प्रतिशत भूमि को कवर करता है। इसका आधे से ज्यादा (54 प्रतिशत) हिस्सा सिर्फ पांच देशों - रूस, ब्राजील, कनाडा, अमेरिका और चीन में केंद्रित है। आस्ट्रेलिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और इंडोनेशिया के बाद भारत दुनिया के शीर्ष 10 वन-समृद्ध देशों में शामिल है।
चीन ने दर्ज की सबसे ज्यादा वृद्धि
चीन ने 2015 और 2025 के बीच वन क्षेत्र में सबसे ज्यादा शुद्ध वार्षिक वृद्धि दर्ज की, जो 1.69 मिलियन हेक्टेयर प्रति वर्ष थी, उसके बाद रूस 9,42,000 हेक्टेयर और भारत 1,91,000 हेक्टेयर के साथ दूसरे स्थान पर है। महत्वपूर्ण वन विस्तार वाले अन्य देशों में तुर्किये (1,18,000 हेक्टेयर), आस्ट्रेलिया (1,05,000 हेक्टेयर), फ्रांस (95,900 हेक्टेयर), इंडोनेशिया (94,100 हेक्टेयर), दक्षिण अफ्रीका (87,600 हेक्टेयर), कनाडा (82,500 हेक्टेयर) और वियतनाम (72,800 हेक्टेयर) शामिल हैं।
वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज करने वाला एकमात्र क्षेत्र है एशिया मूल्यांकन से पता चला है कि 1990 और 2025 के बीच वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज करने वाला एशिया एकमात्र क्षेत्र है, जिसमें चीन और भारत में वृद्धि सबसे ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर शुद्ध वन हानि की वार्षिक दर में आधे से भी ज्यादा की कमी आई है, जो 1990 के दशक के 10.7 मिलियन हेक्टेयर से घटकर 2015-2025 के दौरान 4.12 मिलियन हेक्टेयर हो गई है।
एफएओ ने कहा कि एशिया के वन विस्तार ने वैश्विक वनों की कटाई को धीमा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 20 प्रतिशत वन अब कानूनी रूप से स्थापित संरक्षित क्षेत्रों में हैं, जबकि 55 प्रतिशत का प्रबंधन दीर्घकालिक योजनाओं के तहत किया जाता है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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