अमेरिका से तनाव के बीच ब्रिक्स बैठक में ट्रंप के सताए देश, भारत की ओर से इस नेता को दी गई जिम्मेदारी
भारत अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर सतर्क है। अमेरिका की शुल्क नीति के विरोध में ब्राजील द्वारा बुलाई गई ब्रिक्स देशों की विशेष बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे प्रधानमंत्री मोदी नहीं। राष्ट्रपति ट्रंप की भारत और ब्राजील से नाराजगी जग जाहिर है क्योंकि उन्होंने इन देशों पर 50% तक का टैक्स लगाया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका के साथ संबंधों में तनाव घुला हुआ है लेकिन भारत अभी अपनी तरफ से कोई ऐसा संकेत नहीं देना चाहता कि वह अपने इस रणनीतिक साझेदार देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लेकर उदासीन हो गया है। यही वजह है कि अमेरिका की शुल्क नीति के खिलाफ ब्राजील की तरफ से अगले सोमवार को बुलाई गई ब्रिक्स संगठन की विशेष बैठक में भारत का नेतृत्व पीएम नरेन्द्र मोदी नहीं बल्कि विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे।
ब्राजील, रूस, भारत, दक्षिण अफ्रीका और चीन समेत दस देशों की सदस्यता वाले इस बैठक को ब्राजील के राष्ट्रपति लुला दा सिल्वा ने बुलाया है। जिस तरह से राष्ट्रपति ट्रंप अभी भारत से नाराज है वैसे ही वह राष्ट्रपति लुला से नाराज हैं। असलियत में भारत व ब्राजील पर ट्रंप ने दुनिया में सबसे ज्यादा 50 फीसद का टैक्स लगाया हुआ है।
ट्रंप के सताए हुए देश होंगे इकट्ठे
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि, “ब्राजील ने अपनी अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक बुलाई है। आठ सितंबर को होने वाली इस बैठक में भारत का नेतृत्व विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे। ब्रिक्स का यह सम्मेलन शीर्ष नेताओं के स्तर पर होने वाला है।''
उल्लेखनीय तथ्य यह है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 6-7 जुलाई, 2025 को हो चुका है। इसमें हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी ब्राजील गये थे। तब ब्राजील देशों की तरफ से जो घोषणा पत्र जारी हुआ था उस पर ट्रंप ने काफी नाराजगी जताई थी और सभी ब्रिक्स देशों पर 10 फीसद अतिरिक्त टैक्स लगाने का भी एलान किया था।
उक्त पांचों देशों के अलावा ईरान, इथियोपिया, मिस्त्र, इंडोनेशिया और यूएई इसके अन्य पांच सदस्य हैं।देखा जाए तो ब्रिक्स के सभी मूल सदस्य देशों यानी भारत, रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ ट्रंप प्रशासन के रिश्ते बहुत खास नहीं है।
टैरिफ के अलावा क्यों नाराज हैं लुला?
ब्राजील से उनकी खास तौर पर नाराजगी इसलिए है कि पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के खिलाफ लुला सरकार भ्रष्टाचार के मामले चला रही है। ट्रंप बोलसोनारो को अमेरिका के हितों की रखवाला करने वाला करार देते रहे हैं। चीन व रूस के साथ अमेरिका के पुराने तनावपूर्ण संबंध है। इस कड़ी में भारत भी अब जुड़ गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।