भारत इस मामले में करेगा दुनिया पर राज, रिपोर्ट में खुलासा
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत का विमानन बाजार 2030 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा और सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) उत्पादन में अग्रणी होगा। भारत के पास एसएएफ उत्पादन के लिए पर्याप्त कच्चा माल है, जैसे कृषि अवशेष और प्रयुक्त खाना पकाने का तेल। एसएएफ उत्सर्जन को 80% तक कम कर सकता है और ईंधन आयात को कम करके आर्थिक लाभ प्रदान कर सकता है।

2030 तक भारत बन जाएगा अग्रणी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का विमानन बाजार 2030 तक तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा और सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) उत्पादन में वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरेगा। फिलहाल भारत पांचवां सबसे बड़ा बाजार है।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और केपीएमजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 680 एमएमटी से अधिक कृषि अवशेष, 3.4 एमएमटी प्रयुक्त खाना पकाने का तेल और 1,800 करोड़ लीटर से अधिक इथेनॉल क्षमता के साथ, भारत में एसएएफ उत्पादन बढ़ाने के लिए कच्चा माल मौजूद है।
पेश किया गया रणनीतिक रोडमैप
रिपोर्ट में एक रणनीतिक रोडमैप प्रस्तुत किया गया है, जिसमें एसएएफ उत्पादन बढ़ाने, ग्रामीण आय बढ़ाने, हरित ईंधन विकल्पों को बढ़ावा देने तथा अंतर्राष्ट्रीय निर्यात बाजारों तक पहुंच बनाने के लिए देश की तैयारियों पर प्रकाश डाला गया है।
रिपोर्ट में और क्या बताया गया?
इसमें कहा गया है कि एसएएफ जीवनचक्र उत्सर्जन को 80 प्रतिशत तक कम कर सकता है, जिससे यह विमानन के लिए सबसे तात्कालिक और स्केलेबल डीकार्बोनाइजेशन लीवर बन सकता है। इसके अलावा, रिपोर्ट में सरकार द्वारा निर्धारित 2027 तक 1 प्रतिशत, 2028 तक 2 प्रतिशत तथा 2030 तक 5 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्यों का भी उल्लेख किया गया है।
रिपोर्ट में आर्थिक और पारिस्थितिक लाभों पर जोर दिया गया है, जैसे ईंधन आयात में कमी से अरबों की बचत, हरित क्षेत्रों में रोजगार सृजन, और ग्रामीण समुदायों की आय में वृद्धि। इसमें कहा गया है कि भारत यूरोपीय संघ, जापान, सिंगापुर और मध्य पूर्व जैसे प्रीमियम बाजारों को एसएएफ की आपूर्ति करने की अच्छी स्थिति में है।

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