'यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का पालन करेंगे, रूसी तेल खरीद को लेकर रिलायंस ने जारी किया बयान
अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बाद भारत रूस से तेल की खरीद कम करेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का पालन करेगी और सरकार के मार्गदर्शन का अनुसरण करेगी। कंपनी ने एक विस्तृत नोट जारी किया है जो रूस और भारत के बीच तेल कारोबार में कमी का संकेत है। रिलायंस भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी लागू प्रतिबंधों का पालन करेगी।

यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का पालन करेगी रिलायंस
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका और यूरोपीय संघ के नये प्रतिबंध के बाद अब यह निश्चित हो गया है कि भारत आने वाले दिनों में रूस से कम तेल की खरीद करने जा रहा है। रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाली भारतीय कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) ने कहा है कि वह यूरोपीय संघ के नये प्रतिबंध का पालन करेगी और इस बारे में केंद्र सरकार के मार्गदर्शन का अनुसरण करेगी।
आरआइएल की तरफ से शुक्रवार देर शाम को इस बारे में एक विस्तृत नोट जारी किया गया है। यह इस बात का संकेत है कि रूस और भारत के बीच तेल कारोबार में कमी आने वाली है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात का दावा कर रहे हैं कि उन्हें भारत की तरफ से यह आश्वासन मिला है कि धीरे-धीरे रूस से तेल की खरीद कम की जाएगी। आधिकारिक तौर पर भारत के विदेश मंत्रालय का यह कहना है कि सरकार ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कदम उठाएगी।
आरआइएल की तरफ से बताया गया है कि, “हमने यूरोपीय संघ, यूनाइटेड ¨कगडम और अमेरिका द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात और यूरोप को परिष्कृत उत्पादों के निर्यात पर हाल ही में घोषित प्रतिबंधों को नोट किया है। रिलायंस वर्तमान में इसके प्रभावों का आकलन कर रहा है, जिसमें नई अनुपालन आवश्यकताएं भी शामिल हैं। हम यूरोप में परिष्कृत उत्पादों के आयात पर यूरोपीय संघ के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। जब भी इस संबंध में भारतीय सरकार से कोई मार्गदर्शन प्राप्त होगा, हम हमेशा की तरह उसका पूर्ण रूप से पालन करेंगे।
रिलायंस ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्यों के साथ लगातार प्रतिबद्ध रही है। कंपनी लागू प्रतिबंधों और नियामक ढांचों के प्रति अपने दीर्घकालिक और निष्कलंक अनुपालन रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और अनुपालन की जरूरतों को पूरा करने के लिए रिफाइनरी संचालन में आवश्यक बदलाव भी करेगी।'' कंपनी ने आगे बताया है कि, उद्योग में प्रचलित प्रथा के अनुसार, आपूर्ति अनुबंध बदलते बाजार और नियामक परिस्थितियों को दर्शाने के लिए विकसित होते रहते हैं। रिलायंस इन परिस्थितियों का समाधान करेगा, साथ ही अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ संबंधों को बनाए रखेगा।
रिलायंस को विश्वास है कि इसकी विभिन्न स्त्रोतों से कच्चे तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की उसकी आजमाई हुई रणनीति से घरेलू और निर्यात आवश्यकताओं को सुनिश्चित किया जाएगा।''सनद रहे कि अमेरिका ने बुधवार को रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकआयल पर नया प्रतिबंध लगा दिया है जिसकी वजह से उनके लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम कारोबार करना एक तरह से असंभव हो गया है। भारत जितना तेल रूस से हाल के समय में ले रहा था उसका 50 फीसद इन दोनों कंपनियों की तरफ से ही आ रहा था। ऐसे में भारतीय कंपनियों के लिए इनके साथ कारोबार करना मुश्किल हो चुका है। इन कंपनियों से मुख्य तौर पर भारत की तरफ से आइआइएल ही तेल का सौदा कर रही थी।

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