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    पाकिस्तानी बॉर्डर के पास रेत के टीलों के बीच गरज रहे टैंक, 28000 फीट की ऊंचाई से दागी गईं मिसाइलें

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास तीनों सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास 'त्रिशूल' चल रहा है। इसमें सेना, वायुसेना और नौसेना के जवान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। सुखोई, मिराज और तेजस जैसे विमानों से मिसाइलें दागी जा रही हैं। यह अभ्यास कच्छ के सर क्रीक बॉर्डर के पास केंद्रित है, जहाँ पाकिस्तान ने अवैध निर्माण की कोशिश की है। भारत सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।

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    युद्धाभ्यास के दौरान सेना दागीं मिसाइलें।

    जागरण संवाददाता, जयपुर। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट जैसलमेर के रेतीले घोरों (टीलों) में इन दिनों टैंक गरज रहे हैं। 28000 फीट की ऊंचाई से लड़ाकू विमान लक्ष्य पर मिसाइल दाग रहे हैं। सेना के जांबाज चुन-चुनकर दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूद कर रहे हैं।

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    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार तीनों सेनाओं का जैसलमेर से कच्छ तक 'त्रिशुल' नामक संयुक्त युद्धाभ्यास चल रहा है। 30 अक्टूबर से शुरू यह अभ्यास 10 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान तीनों सेनाएं अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही हैं। सेना के कमांडो, वायुसेना के गरुड़ और नौसेना के मार्कोस अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके माध्यम से भारत यह संदेश देने का भी प्रयास कर रहा है कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।

    सुखोई, मिराज और तेजस दाग रहे रॉकेट

    युद्धाभ्यास में सुखोई-30, मिराज-2000 और तेजस जैसे विमान रॉकेट मिसाइल दाग रहे हैं। थलसेना के टी-90 टैंक तोपखानों को नष्ट कर रहे हैं। नौसेना समुद्री इलाकों की सुरक्षा को मजबूत करने का भी अभ्यास कर रही है। खासकर कच्छ के सर क्रीक जैसे दलदली या तटीय क्षेत्रों में विशेष उभयचर वाहनों का उपयोग किया गया, ताकि दुश्मन तक आराम से बिना रुके पहुंचा जा सके।

    सर क्रीक बॉर्डर के पास हो रही एक्सरसाइज

    'त्रिशूल' का अहम हिस्सा कच्छ क्षेत्र और विवादित सर क्रीक बॉर्डर के पास ही केंद्रित है। पाकिस्तान ने हाल ही में यहां अवैध निर्माण और सैन्य ढांचा खड़ा करने की कोशिशें की हैं। सर क्रीक बार्डर की लंबाई करीब 68 किलोमीटर है, जबकि इसके आगे लगभग 36 किलोमीटर से ज्यादा दलदली इलाका विवादित माना जाता है। अभ्यास के दौरान तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी संयुक्त आपरेशन रूम में निर्णय ले रहे हैं और जवानों को निर्देश भी दे रहे हैं।

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