Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब दो किलोमीटर दूरी से ही ढेर होंगे दुश्मन देश के ड्रोन, सेना को जल्द मिलेगा स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 11:44 AM (IST)

    भारतीय सेना अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए 16 स्वदेशी 'ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम' का ऑर्डर देगी। यह सिस्टम दो किलोमीटर दूर से दुश्मन के ड्रोन को लेजर बीम से मार गिराने में सक्षम होगा। DRDO द्वारा विकसित इस प्रणाली की मारक क्षमता को बढ़ाया गया है। भारत इस क्षमता के साथ अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है।

    Hero Image

    सेना को मिलेगा स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम। इमेज सोर्स - X TheDCIndia

    डिजिटल डेक्स, नई दिल्ली। भारतीय सेना लगातार अपनी सैन्य क्षमता और तकनीक का विस्तार कर रही है। इसी कड़ी में थलसेना और वायुसेना 16 स्वदेशी 'ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम' के आर्डर देने जा रही हैं।

    इसके जरिये सेना दो किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के ड्रोन को लेजर बीम से मार गिराने में सक्षम होगी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से बड़ी संख्या में ड्रोंस का इस्तेमाल किया गया था। इसी के मद्देनजर सेना ने ड्रोन के विरुद्ध अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने पर जोर दे रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेना को मिलेगा स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम

    रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के इस इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (मार्क 2) पर जल्द ही रक्षा मंत्रालय की मुहर लगने वाली है। रक्षा अधिकारियों ने इस प्रणाली के बारे में बताया कि 10 किलोवाट की लेजर बीम से दुश्मन ड्रोन को मार गिराने की दूरी दोगुनी हो जाएगी।

    इससे पहले प्रणाली में सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी तक ही दुश्मन ड्रोन को मार गिराने में सक्षम थी। इसमें दो किलोवाट की लेजर बीम का इस्तेमाल किया जाता था।

    लंबी दूरी की मारक क्षमता का हो रहा परीक्षण

    DRDO लगातार लंबी दूरी की लेजर आधारित ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरसेप्शन सिस्टम्स को बनाने में लगा हुआ है। विकास के इस क्रम में उसने डायरेक्ट एनर्जी वेपन सिस्टम का सफल परीक्षण किया है, जो 5 किमी रेंज तक की प्रणालियों को निशाना बना सकता है। इससे ड्रोन निष्क्रिय होकर जमीन पर गिर जाता है।

    अमेरिका, चीन और रूस के पास है यह क्षमता

    30 किलोवाट के लेजर-आधारित हथियार सिस्टम का परीक्षण करके भारत चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया है। मौजूदा समय में इस तरह की क्षमता सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस जैसों देशों के पास है।

    ऐसे काम करता है सिस्टम 

    लेजर आधारित यह प्रणाली दुश्मन ड्रोन के किसी कमजोर हिस्से जैसे - मोटर या बैटरी पर हाई एनर्जी लेजर से निशाना बनाती है। इसकी तेज ऊष्मा प्लास्टिक को पिघला देती है, तारों को जला देती है या इलेक्ट्रानिक कलपुर्जों को नुकसान पहुंचा देती है। इससे ड्रोन निष्क्रिय होकर जमीन पर गिर जाता है।

    इन प्रोजेक्ट्स पर भी चल रहा काम

    DRDO इस समय अन्य हाई-एनर्जी सिस्टम्स पर भी लगातार काम कर रहा है। इनमें हाई-एनर्जी माइक्रोवेव्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्सेस और कई तकनीकें शामिल हैं।