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    अमेरिका को एक्सपोर्ट होती है 1.7 करोड़ किलो चाय, लेकिन ट्रंप टैरिफ ने बिगाड़ दिया सारा खेल

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 12:12 AM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का असर भारतीय चाय निर्यात पर दिख रहा है। अमेरिकी आयातकों ने ऑर्डर रोक दिए हैं जिससे चाय उद्योग चिंतित है। भारतीय चाय संघ ने टैरिफ पर चिंता जताई है क्योंकि अमेरिका भारत के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। एसोसिएशन ने चाय के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

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    चाय उद्योग के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रही अस्थिरता (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ का असर एक्सपोर्ट पर देखने को मिल रहा है। अमेरिकी आयातकों ने भारतीय सामानों का ऑर्डर होल्ड कर दिया है और फिलहाल इस समस्या का कोई हल निकलता भी नहीं दिख रहा है। भारत का चाय उद्योग भी इस वक्त ट्रंप के टैरिफ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

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    भारतीय चाय संघ ने अमेरिकी टैरिफ पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि अमेरिका भारत के लिए चाय का एक महत्वपूर्ण बाजार है। एसोसिएशन ने कहा है कि चाय की कीमतों में लगातार गिरावट और निर्यात बाजार में अस्थिरता चाय उद्योग के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रही है।

    अमेरिका को 1.7 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात

    एक आंकड़े के मुताबिक, 2024 में भारत ने अमेरिका को 1.7 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया था। इस साल केवल मई तक ही अमेरिका को 62.6 लाख किलोग्राम चाय का निर्यात अमेरिका को हो चुका है। लेकिन एसोसिएशन का मानना है कि भारतीय उत्पादों पर लगा 50 फीसदी टैरिफ अमेरिका को होने वाले चाय के निर्यात को काफी हद तक सीमित कर देगा।

    भारतीय चाय संघ ने इसके पहले चाय उद्योग की रक्षा की दुहाई देते हुए चाय के लिए न्यूनतम स्थायी मूल्य लागू करने की मांग की थी। अब एसोसिएशन ने कहा है कि वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए पारंपरिक चाय उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

    साथ ही यह भी मांग की गई है कि भारत सरकार श्रीलंका और इंडोनेशिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक्सपोर्ट मार्केट में समान अवसर देे की व्यवस्था करें। दरअसल इंडोनेशिया और श्रीलंका की सरकारें सब्सिडी और एक्सपोर्ट में कई तरह के प्रोत्साहन देती हैं। निम्न-गुणवत्ता वाली चाय के आयात पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।

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